प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस आलाकमान के फैसले से हुई खफा, कहा- पार्टी में मिली गुंडों को ज्यादा अहमियत
प्रियंका चतुर्वेदी (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) पार्टी से खफा हो गई है. दरअसल कांग्रेस ने प्रियंका से बदसलूकी करने के आरोप में बर्खास्त किए गए अपने नेताओं को दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया है. सभी नेताओं ने पिछले साल सितंबर महीने में मथुरा में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रियंका का विरोध किया था. जिसकी शिकायत उन्होंने दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से की थी.

प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं बहुत दुखी हूं कि कांग्रेस में गुंडों को उन लोगों पर तरजीह मिलती है, जिन्होंने अपना पसीना और खून दिया है. पार्टी के लिए ईंट-बल्ले और गालियों का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने पार्टी के भीतर मुझे धमकी दी उन्हें आसानी से छोड़ दिया गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

कांग्रेस ने एक पत्र में कहा है कि पार्टी के नेताओं को चतुर्वेदी की शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया था. पत्र में आगे कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने निलंबित किए गए नेताओं को राहत देने का फैसला लिया है. पार्टी का कहना है कि यह फैसला उत्तर प्रदेश पश्चिम के कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के हस्तक्षेप के बाद किया गया है.

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कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप है कि इन नेताओं ने उनके कार्यक्रम के दौरान नारेबाज़ी की. उन्होंने दिल्ली जाकर इस बात की शिकायत कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर से की थी. जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति को इस मामले की जॉंच का जिम्मा सौपा गया. जिसके बाद समिति ने गिरधारी पाठक, भूरी सिंह जायस, प्रताप सिंह और प्रवीण ठाकुर को कांग्रेस पार्टी से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया.

जबकि यतेंद्र मुक़द्दम, उमेश पंडित और अशोक सिंह चकलेश्वर के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए अशोक गहलोत से सिफ़ारिश की गई है. मथुरा के ये तीनों नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. इसीलिए इन पर कार्रवाई प्रदेश कांग्रेस कमेटी नहीं कर सकती थी. इन तीनों नेताओं के बारे में फ़ैसला बाद में कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने लिया था.

गौरतलब हो कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा की हैं. वैसे अब वह परिवार सहित मुंबई में रहती है. वह 1 सितंबर को राफ़ेल डील पर प्रेस कांफ्रेंस करने मथुरा गई थीं. इस दौरान हंगामा हो गया था. दरअसल मथुरा में कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है.