भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों उपचुनाव (MP By-Election 2020) के लिये मतदान संपन्न हो चुके हैं. उपचुनाव के नतीजों से ही एमपी की मौजूदा शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) सरकार की किस्मत का फैसला होगा. मध्य प्रदेश के 19 जिलों में 28 विधानसभा सीटों पर साढ़े छह बजे तक 66.37 प्रतिशत मतदान हुआ है. इन 28 सीटों पर 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "जनता ने उत्साहपूर्वक बढ़ चढ़कर उप चुनाव में भाग लिया. बंपर वोटिंग हुई है. जनता ने लोकतंत्र में विश्वास व्यक्त करते हुए मतदान को अपना पवित्र कर्तव्य माना है. कुछ स्थानों पर 2018 से ज्यादा वोटिंग हुई है. जितनी बंपर वोटिंग हुई है उतनी बंपर हमारी जीत होगी."
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं. ये उपचुनाव तय करेंगे कि 10 नवबंर को इनके परिणाम आने के बाद कौन सी पार्टी प्रदेश में सत्ता में रहेगी. सत्तारूढ़ बीजेपी या कांग्रेस. इस उपचुनाव में बीएसपी और कुछ अन्य छोटे राजनीतिक दलों के साथ-साथ कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन अधिकांश सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की दो-तीन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी के बीच त्रिकोंणीय मुकाबला हो सकता है.
जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में आने से खाली हुए हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस के विधायकों के निधन से और एक सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त है. बीजेपी ने उन सभी 25 लोगों को प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस विधायकी पद से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए हैं.
प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में बीजेपी के 107 विधायक हैं, जबकि काग्रेस के 87, चार निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी का विधायक है. बाकी 29 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से दमोह विधानसभा को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या वर्तमान 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी. इसलिए बीजेपी को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र आठ सीटों को जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटें जीतनी होंगी.