नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि वह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के अप्रैल 2017 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। ठाकुर 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में एक आरोपी हैं. ठाकुर अभी भाजपा सांसद हैं, उन्हें उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल 2017 को जमानत देते हुए कहा था कि मामले में उनके खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं’ बनता है.
उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी. धमाके के शिकार लोगों में से एक के पिता की तरफ से दायर याचिका न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आई थी. यह भी पढ़े-2008 मालेगांव विस्फोट मामला: कर्नल पुरोहित की अर्जी पर 7 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता निसार अहमद हाजी सैयद बिलाल ने कहा कि ठाकुर एक प्रभावशाली महिला हैं और वह मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं.