अन्ना हजारे से सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की मुलाकात, मांग पूरी करने का भरोसा देकर की अनशन तोड़ने की अपील
अन्ना हजारे से सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की मुलाकात (Photo Credit-ANI)

समाजसेवी अन्ना हजारे (Anna Hazare) 30 जनवरी से भूख हड़ताल पर हैं. इस बीच मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(CM Devendra Fadnavis), केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने रालेगन सिद्धी जाकर उनसे मुलाकात की. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसका हवाला देकर अन्ना से अपना अनशन तोड़ने की अपील की है. खबरों की माने तो महाराष्ट्र सरकार ने अन्ना हजारे के आगे झुकते हुए उनकी तकरीबन सभी मांगे मांग ली है. बता दें कि लोकपाल गठन की मांग को लेकर अन्ना हजारे सत्याग्रह कर रहे हैं.

मंगलवार को अन्ना के अनशन का सातवां दिन है. सीएम फडणवीस सहित मोदी सरकार के मंत्रियों ने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की. इससे पहले अनशन के पांचवें दिन रविवार को अन्ना ने केंद्र सरकार के रवैये से नाराज होकर अपना पद्म भूषण सम्मान वापस लौटाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि मैंने यह सम्मान पाने के लिए काम नहीं किया था. अन्ना ने सरकार इसे मुझे इसलिए दिया था क्योंकि मैं देश के लिए सेवाभाव से काम कर रहा था. अब यदि देश और समाज इस हालत में है तो मैं पद्म भूषण को अपने पास क्यों रखूं. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: सीएम देवेंद्र फडणवीस को फेसबुक पर मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी

इस बीच अन्ना ने बीजेपी पर उनका फायदा उठाने का आरोप लगाया. अन्ना हजारे ने कहा, बीजेपी ने 2014 में मेरा इस्तेमाल किया. हर कोई जानता है कि लोकपाल (Lokpal) के लिए किए गए मेरे आंदोलन ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता तक पहुंचा दिया. अब मैं उनके लिए कोई मतलब नहीं रखता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार देश के लोगों को गुमराह कर रही है और देश को निरंकुशता की ओर ले जा रही है. इसके अलावा केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा था कि यदि उन्हें कुछ होता है तो देश की जनता इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार माने.

गौरतलब है कि अन्ना हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धी में 30 जनवरी से केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए अनशन पर बैठे हैं. अन्ना हजारे ने रविवार को आगाह किया था कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किए तो वह अपना पद्म भूषण लौटा देंगे. 81 वर्षीय अन्ना हजारे को 1992 में तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया गया था.