गुरुवार को लोकसभा के 4 सीटों के लिए हुए उप चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है. इन 4 सीटों में से बीजेपी केवल पालघर में ही जीत सकी. पार्टी को कैराना और भंडारा-गोंदिया में हार का सामना करना पड़ा बता दें कि इसी साल मार्च में यूपी में हुए दो बडे उपचुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फुलपुर सीट से हार गई थी. यह बीजेपी के लिए बडे झटके से कम नहीं थे. बीजेपी को बिहार के अररिया और राजस्थान के अजमेर में लोकसभा के उपचुनाव में भी हार झेलनी पड़ी थी.
बता दें की 2014 में मिली शानदार जीत के बाद बीजेपी वैसे तो कई राज्यों में जीतने में कामयाब रही मगर लोकसभा उपचुनावों में उनके प्रदर्शन में भारी गिरावट आई है. बीजेपी को 2014 से लेकर मार्च 2018 के बीच 25 लोकसभा उपचुनावों में से सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, कांग्रेस 5 लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही है. 5 में से कांग्रेस ने 4 सीट बीजेपी से छीनी है. बीजेपी जिन-जिन सीटों पर अब तक हारी में उनमें विपक्षी एकता का हाथ रहा. वहीं, लोकसभा में बीजेपी का आंकड़ा 282 से 272 पर पहुंच गया.
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि पिछले चार सालों में हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को किसी भी पार्टी के मुकाबले सबसे ज्यादा सीटें मिली है. कांग्रेस के बाद बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस की बारी आती है. इन दोनों दलों ने 2014 के बाद हुए उपचुनाव में चार-चार सीट जीती है. बीजेपी रतलाम, गुरदासपुर, अलवर, अजमेर, गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और भंडारा-गोंदिया में हार गई.
ज्ञात हो कि 2014 आम चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. नरेंद्र मोदी के करिश्मे की वजह से भारतीय जनता पार्टी 282 सीट जीतने में कामयाब हुई थी. बीजेपी ने कांग्रेस को चारो खाने चित कर दिया था. कांग्रेस दो आंकड़ो में सिमट कर रह गई. मगर हाल ही में हुए उपचुनावों के नतीजों से बीजेपी को झटका लगा है.