कर्नाटक में जारी उठापटक के बीच बागी विधायकों के रुख को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शनिवार को एक के बाद एक कर्नाटक के सियासी ड्रामे में कई मोड़ आए. सीएम एचडी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत साबित करने का फैसला लिया. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कुमारस्वामी का समर्थन किया. सिद्धारमैया ने कहा कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन विश्वास मत हासिल कर लेगी. बीजेपी को अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है. इसी बीच इस्तीफा देने वाले पांच और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है
वहीं राज्य बीजेपी अध्यक्ष येदियुरप्पा ने कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार हैं और सोमवार तक इंतजार करेंगे. बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि पार्टी को अविश्वास प्रस्ताव से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सोमवार तक इंतजार करेंगे और सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे.
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BS Yeddyurappa, BJP state president: We have no objection to No Confidence Motion. We will wait until Monday. On Monday, we are ready to face the No Confidence Motion. #Karnataka pic.twitter.com/Ws6jXTPHnv
— ANI (@ANI) July 13, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में यथास्थिति बनाए रखने के लिए निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने खास तौर पर इस बात का आदेश दिया है कि स्पीकर रमेश कुमार बागी विधायकों को इस्तीफे और अयोग्यता के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लेंगे. वहीं कांग्रेस- जेडीएस के सामने मुश्किल यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद उनके बागी विधायक अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को इस पर फैसला करेगा. अविश्वास प्रस्ताव पर सीएम एचडी कुमारस्वामी के ऐलान के बाद बीजेपी के खेमे खलबली मच गई है. बीजेपी ने इस बीच अपने विधायकों को रिजॉर्ट में भेज दिया है.
कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने बागी विधायकों के इस्तीफे को अब तक स्वीकार नहीं किया है. अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो गठबंधन के 118 सदस्यों की संख्या 100 से नीचे आ जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 113 से घटकर 105 हो जाएगा. बीजेपी के पाले में इस समय 105 विधायक हैं. वहीं 2 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद यह संख्या 107 हो जाएगी.