कर्नाटक (Karnataka) का सियासी संकट बरकरार है. इस बीच कांग्रेस-जेडीएस (Congress- JDS) सरकार बनाने के हर दांव चल रही है. बीजेपी भी मौके की ताक में लगी है. इस बीच बागी विधायकों के इस्तीफे से जूझ रहे सीएम एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने का दांव खेल दिया है. कांग्रेस-जेडीएस के 16 और 2 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को कुमारस्वामी ने कहा कि वह विश्वास मत (Trust Vote) के लिए तैयार हैं. स्पीकर ने भी कहा है कि एक दिन पहले भी नोटिस देंगे तो प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. इससे अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मंगलवार को विश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. कुमारस्वामी के इस दांव से बीजेपी निश्चित रूप में चौंक गई है.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) का कहना है कि उन्हें भरोसा है कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन विश्वास मत हासिल कर लेगी. सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी कोई शक्ति परीक्षण से डर रही है क्योंकि उन्हें अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है. सिद्धारमैया ने कहा, "हमें विश्वास है. इसलिए हमने शक्ति परीक्षण की मांग की है. बीजेपी डर रही है, क्योंकि उन्हें अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है."
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने बागी विधायकों के इस्तीफे को अब तक स्वीकार नहीं किया है. अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो गठबंधन के 118 सदस्यों की संख्या 100 से नीचे आ जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 113 से घटकर 105 हो जाएगा. बीजेपी के पाले में इस समय 105 विधायक हैं. वहीं 2 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद यह संख्या 107 हो जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मंगलवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने खास तौर पर इस बात का आदेश दिया है कि स्पीकर रमेश कुमार बागी विधायकों को इस्तीफे और अयोग्यता के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लेंगे. वहीं कांग्रेस- जेडीएस के सामने मुश्किल यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद उनके बागी विधायक अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.