केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक सदन में पेश कर दिया है. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव सदन में रखा. अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि चुनाव आयोग ने इस साल के आखिर में चुनाव कराने का फैसला करेंगे और इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा. गृह मंत्री ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना था, अब अमरनाथ यात्रा होनी है, इस वजह से चुनाव कराने इस दौरान मुमकिन नहीं था. शाह ने कहा कि ऐसे में राष्ट्रपति शासन बढ़ाना जरूरी हो गया है.
गृहमंत्री ने कहा कि जब कोई दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था. इसके बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला राज्यपाल ने लिया था. लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल और राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का विरोध किया. मनीष तिवारी ने कहा कि बीजेपी-पीडीपी गठबंधन से कश्मीर के हालात बिगड़े हैं.
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: I propose that President's rule in Jammu and Kashmir should be extended by 6 months. pic.twitter.com/agXlqYmP0H
— ANI (@ANI) June 28, 2019
Manish Tewari, Congress in Lok Sabha: Today situation is such that we have to extend President's rule in Jammu & Kashmir every 6 months, its roots are in the alliance of PDP & BJP in 2015. pic.twitter.com/PogcpPQ6FL
— ANI (@ANI) June 28, 2019
अमित शाह ने कहा- नौ दिसंबर 2018 को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म हो गई थी और फिर धारा 356 का उपयोग करते हुए 20 दिसंबर से वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया. 2 जुलाई को छह माह का समय खत्म हो रहा है और इसलिए इस राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए क्योंकि वहां विधानसभा अस्तित्व में नहीं है.
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: In the view of Ramzan and Amarnath Yatra in J&K, preparations are underway to hold Assembly elections by the end of this year. https://t.co/4YOPPbonZ9
— ANI (@ANI) June 28, 2019
आरक्षण संशोधन बिल सदन में पेश
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल सदन में पेश करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा सीमा पार से होने वाली गोलीबारी से प्रभावित होते हैं और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा से लगे लोगों को जो 3 फीसदी आरक्षण है इसके अदंर अतंरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वालों को भी 3 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए. ये आरक्षण किसी को खुश करने के लिए नहीं लेकिन मानवता के आधार पर उनकी समस्या को देखते हुए आरक्षण दिया जाना चाहिए.
Union Home Minister Amit Shah has moved the J&K Reservation Bill in Lok Sabha, he said, "this bill is not to please anyone but for those living near the International Border." pic.twitter.com/rrXDS4WGw3
— ANI (@ANI) June 28, 2019
Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha: We are monitoring the situation in Jammu & Kashmir. Construction of bunkers in border areas will be done within time limit set by the previous home minister Rajnath Singh Ji. Life of every individual is important to us. pic.twitter.com/vJMBIHT5kX
— ANI (@ANI) June 28, 2019
गृहमंत्री कहा कि हमारे लिए सीमा पर रहने वाले लोगों की जान कीमती है और इसलिए सीमा पर बंकर बनाने का फैसला हुआ है. शाह ने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र बहाल रहे ये बीजेपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. आतंकवाद के खात्मे की कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने सदन से अपील करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव का समर्थन करें.
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति
अमित शाह ने कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति शासन के दौरान जम्मू कश्मीर में एक साल की अवधि में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई गई है. एक साल के अंदर आतंकवाद की जड़ों को हिलाने के लिए इस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. पहले वहां कई साल तक पंचायत चुनाव नहीं कराए जाते थे लेकिन यही एक साल के अंदर वहां शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव कराए गए हैं. बीजेपी की सरकार ने वहां की पंचायतों को पैसा देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि 40 हजार पदों के लिए वहां चुनाव हुआ और एक भी जान नहीं गई. इस बार वहां मत प्रतिशत बढ़ा और हिंसा भी नहीं हुआ. कानून व्यवस्था सरकार के नियंत्रण में है.