शिमला: हिमाचल कांग्रेस में सब कुछ अभी ठीक नहीं है. हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिन से राजनीतिक संकट देखने को मिल रहा था. कांग्रेस के नेता भले ही दावा कर रहे हों कि सरकार का संकट खत्म हो गया है लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है. कांग्रेस के अंदर अभी भी बगावत की आग सुलग रही है. कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने गुरुवार को घोषणा की कि सभी मतभेद दूर हो गए हैं, लेकिन असलियत कुछ और ही दिख रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से विधायकों का एक बड़ा गुट नाराज है. ऐसे में सरकार बचाना अभी भी चुनौती बनी हुई है.
ताजा हालत को देखकर लग रहा है कि विधायकों की नाराजगी दूर नहीं हुई है और किसी भी वक्त सुक्खू सरकार को झटका दिया जा सकता है. विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया लेकिन अब इन विधायकों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह आ गए हैं.
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अभी भी खबरें आ रही हैं कि पार्टी के अंदर तनाव खत्म नहीं हुआ है. प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह 6 अयोग्य कांग्रेस विधायकों के खिलाफ हुई कार्रवाई पर निराशा जाहिर की है. इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी.
लोकसभा चुनाव में दिखेगा असर: प्रतिभा सिंह
प्रतिभा सिंह ने कहा कि अगर बागी विधायकों की शिकायतों का समय पर समाधान कर दिया गया होता तो ये सब नहीं होता. प्रतिभा सिंह ने कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, 'असंतुष्ट विधायक पिछले एक साल से अधिक समय से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया.'
प्रतिभा सिंह कहा कि पहले दिन से मैं मुख्यमंत्री से कहती रही हूं कि हम आगामी चुनावों का सामना तभी कर सकते हैं जब वह संगठन को मजबूत करेंगे. यह हमारे लिए बहुत कठिन स्थिति है. हम जमीन पर बहुत सारी कठिनाइयां देख सकते हैं. हम कमजोर स्थिति में हैं.