झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM ) के नेता चंपई सोरेन शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. यह कदम उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में उठाया.
झामुमो छोड़ने की वजहें
चंपई सोरेन ने बुधवार को झामुमो से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि पार्टी की “वर्तमान कार्यशैली और नीतियों” ने उन्हें पार्टी छोड़ने पर मजबूर कर दिया. सोरेन ने झारखंड विधानसभा के विधायक और झारखंड कैबिनेट के मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे दिया.
#WATCH | Ranchi: Former Jharkhand CM and ex-JMM leader Champai Soren joins BJP in the presence of Union Minister Shivraj Singh Chouhan, Assam CM Himanta Biswa Sarma and Jharkhand BJP President Babulal Marandi. pic.twitter.com/iucd87XJmW
— ANI (@ANI) August 30, 2024
सोरेन ने झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि पार्टी की वर्तमान स्थिति और नीतियों से वे काफी दुखी हैं. पत्र में उन्होंने लिखा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं झामुमो छोड़ दूंगा, जो मेरे लिए परिवार की तरह है... पिछले कुछ घटनाक्रमों ने मुझे यह दर्द भरा निर्णय लेने पर मजबूर किया. मुझे दुख है कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक गई है.”
उन्होंने कहा कि पार्टी में अब ऐसा कोई मंच नहीं बचा जहां वे अपनी पीड़ा व्यक्त कर सकें और शिबू सोरेन की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद, वे उन्हें अपने मार्गदर्शक मानते रहेंगे.
चंपई सोरेन की राजनीतिक यात्रा
चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, जब हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. चंपई ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन ने जुलाई में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
भाजपा में शामिल होने के बाद, चंपई सोरेन की आगामी राजनीतिक यात्रा पर सबकी नजरें हैं. उनके इस कदम ने झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है और भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक लाभ प्राप्त किया है.