उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा के सीएमओ मुकेश वत्स और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अतिरिक्त निदेशक ए.के.मित्तल को हटाकर उनकी जगह आर.सी. पांडे और अविनाश सिंह को नियुक्त किया है. सरकार ने यह कदम ताज नगरी में कोविड-19 मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर उठाया है. खराब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बढ़ते असंतोष और विभिन्न विभागों की लापरवाही की दैनिक रिपोटरें के चलते राज्य सरकार ने रविवार देर रात वरिष्ठ अधिकारियों, प्रमुख सचिव आलोक कुमार और आईजी पुलिस विजय कुमार को स्थिति से निपटने और उसे नियंत्रण में लाने में मदद के लिए आगरा भेजा.
जिला मजिस्ट्रेट पी.एन.सिंह के अनुसार, कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या 25 थी, जबकि सोमवार सुबह तक कुल मामले 752 थे. अब तक 325 मरीज वायरस से उबर चुके हैं. शहर में अब भी 44 हॉटस्पॉट हैं. वहीं 9,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है.
आगरा छावनी क्षेत्रों में जहां लॉकडाउन प्रभावी ढंग से लागू किया गया था, वहां स्थिति काफी बेहतर थी. हॉटस्पॉट क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने में शिथिलता और गंभीरता की कमी के लिए पुलिस को दोषी ठहराया गया है.
आवश्यक सामान और मेडिकेयर की आपूर्ति में शामिल कई स्वैच्छिक समूहों के प्रतिनिधि इसे लेकर असंतुष्ट थे और सिस्टम में खामियों की ओर उन्होंने लगातार ध्यान खींचा था. उन्होंने विशेष रूप से क्वारंटीन सेंटर्स में खामियों की बात कही थी. खबरों के अनुसार करीब दर्जन भर मीडियाकर्मी भी क्वारंटीन सेंटर में रखे गए थे, जिनमें प्रवासी मजदूरों की भारी तादाद देखी गई थी, जो लगातार जिले में बाहर से आते जा रहे हैं.
राजस्थान सीमा पर कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस के बीच हुए विवाद को सुलझाना पड़ा. इस बीच, शहर के एक वरिष्ठ होम्योपैथ सिद्धार्थ मिश्रा ने राज्य सरकार से होम्योपैथिक दवाओं को एक मौका देने का आग्रह किया है. जिस तरह केरल में इसका प्रभावी असर दिखा था.मिश्रा ने कहा, "केरल सरकार ने प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए 45 लाख लोगों को होम्योपैथी दवाओं का वितरण किया था."