केंद्र सरकार में कई संयुक्त सचिवों (Joint Secretaries) की सीधी नियुक्ति की योजना को लेकर कांग्रेस (Congress) ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इस व्यवस्था से संविधान को दरकिनार करने के साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति एवं ओबीसी (OBC) वर्गों का आरक्षण खत्म हो जाएगा. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने (Randeep Surjewala) ट्वीट कर कहा, ‘‘देश की सरकार में 40 फीसदी की नियुक्ति में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म. शासन में नया टैलेंट भर्ती करना सही है. पर क्या इस आड़ में सविंधान को दरकिनार किया जाना उचित है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले ‘सिंगल पोस्ट कैडर’ के इसी तर्क से विश्वविद्यालयों में एएसी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म किया गया था. चुनाव के चलते व देशव्यापी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया. अगर ये मापदण्ड तब ग़लत था तो संयुक्त सचिव की नियुक्ति के लिए ठीक कैसे है?’’ खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार संयुक्त सचिव के साथ उप-सचिव और निदेशक स्तर के कई पदों पर भी निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने माना पार्टी में नेतृत्व संकट, फिलहाल राहुल गांधी के हाथों में ही रहेगी कमान
देश की सरकार में 40% Joint Secy की नियुक्ति में SC/ST/BC/OBC का आरक्षण ख़त्म।
शासन में नया टैलेंट भर्ती करना सही है।
पर क्या इस आड़ में सविंधान को दरकिनार किया जाना उचित है? 1/2https://t.co/8HOqevRo7X
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2019
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पहले ‘Single Post Cadre’ के इसी तर्क से Universities में SC/ST/BC/OBC का आरक्षण ख़त्म किया गया था।
चुनाव के चलते व देश व्यापी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया।
अगर ये मापदण्ड तब ग़लत था तो Jt. Secy की नियुक्ति के लिए ठीक कैसे?https://t.co/8HOqevRo7X
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2019
आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.