दिसपुर: कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शनिवार को गुवाहाटी में आयोजित एक सभा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश में मचे बवाल पर मोदी सरकार के साथ ही आरएसएस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि असम को नागपुर वाले नहीं चलाएंगे. बल्कि इस राज्य को कोई चलाएगा तो वह असम की जनता चलाएंगी. बात दें कि सीएए और और एनआरसी (NRC) को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. आम जनता के साथ ही विपक्ष भी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. हालांकि सरकार के साथ ही बीजेपी के नेता भी लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस कानून से उनकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके बाद भी लोगों का विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है.
राहुल गांधी ने अपने बयान में मोदी सरकार पर नफरत फैलाने की बात कहते हुए कहा कि 'हम बीजेपी और आरएसएस को असम की संस्कृति, भाषा, इतिहास पर आक्रमण नहीं करने देंगे. असम को नागपुर और आरएसएस के चड्डीवाले नहीं चलाएंगे. इसे यहां की जनता चलाएगी. यह भी पढ़े: CAA और NRC को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर हमला, कहा- यह दूसरी नोटबंदी जैसा, सरकार फिर से गरीबों को लाइन में खड़ा कराना चाहती है
#WATCH Rahul Gandhi in Guwahati: Hum BJP aur RSS ko Assam ki history, bhasha ,sanskriti par akraman nahi karne denge. Assam ko Nagpur nahi chalayega, Assam ko RSS ke chaddi wale nahi chalayenge. Assam ko Assam ki janta chalayegi. pic.twitter.com/hzg4qaPRPv
— ANI (@ANI) December 28, 2019
वहीं राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस क़ानून को लेकर असम में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. पूरे देश में यही माहौल है. उनकी आवाज को सुनी नहीं जा रही है. बल्कि उनकी आवाज को दबाने के लिए उन्हें गोली मारी जा रही है.
बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. असम हो या दूसरे अन्य राज्य लोग सड़कों पर उतर कर इस कानून का विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस कानून से लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है. जिसे वे होने नहीं देंगे. उल्लेखनीय हो कि इस कानून को लेकर पूरे देश में तो विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लेकिन सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करे तो इस प्रदेश में अब तक करीब 17 लोगों की जाने जा चुकी है. वहीं अभी भी बड़े पैमाने पर प्रदेश के अलग- अलग अस्पतालों में लोगों का इलाज चल रहा है.
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