बजट सत्र 2025: 'भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था', संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण,

President Draupadi Murmu Speech: संसद का बजट सत्र 2025 (Budget Session 2025) आज से शुरू हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन पहुंचकर दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला. राष्ट्रपति के संसद भवन पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया और उन्होंने अपने अभिभाषण में देश की प्रगति और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की.

प्रयागराज महाकुंभ हादसे पर दुख व्यक्त 

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत में संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने का जिक्र किया और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को नमन किया. इसके बाद उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और प्रशासन से घटना की गहन जांच करने का आग्रह किया.

गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए योजनाओं पर जोर

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर नागरिक को आवास, शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराना है. उन्होंने बताया कि अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. गरीबों को सम्मान के साथ जीने का अवसर मिला है और मध्यम वर्ग के सपनों को पंख लगे हैं. उन्होंने कहा, "भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. हमारा मंत्र है- सबका साथ, सबका विकास. विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है."

महिला सशक्तिकरण और युवाओं को रोजगार 

राष्ट्रपति ने महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार महिला नेतृत्व वाले विकास (Women Led Development) में विश्वास करती है. आज भारत की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, कॉर्पोरेट जगत का नेतृत्व कर रही हैं और ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ा रही हैं."

युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं से लाखों युवाओं को रोजगार मिला है. एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें काम का अनुभव मिल सके.

गगनयान मिशन और विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति

राष्ट्रपति ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, "वह दिन दूर नहीं जब भारत में निर्मित गगनयान में अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में जाएंगे." उन्होंने इसरो के सफल सैटेलाइट लॉन्च और नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के लोकार्पण का भी जिक्र किया. विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 50 हजार करोड़ रुपये से अनुसंधान केंद्र स्थापित किए गए हैं और इंडिया एआई मिशन शुरू किया गया है.

किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए योजनाएं 

राष्ट्रपति ने किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "मेक इन इंडिया के कारण आज ग्लोबल प्रोडक्ट्स पर भी 'मेड इन इंडिया' का लेबल दिखने लगा है. छोटे उद्यमियों को स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं." उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की भी सराहना की.

डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन 

राष्ट्रपति ने डिजिटल इंडिया की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा दिया है. उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे रेहड़ी-पटरी वालों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया गया है.

नई शिक्षा नीति और युवाओं का योगदान

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा मिल रही है. उन्होंने कहा, "आज हमारा युवा स्टार्टअप्स, स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहा है."

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में बताया कि अब प्रतियोगी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि देश में उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है और मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है. भारत तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है और स्पेस डॉकिंग में भी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. सरकार ने टैक्स प्रणाली को सरल बनाया है और छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. यूपीआई जैसी उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल से ऑनलाइन लेन-देन बढ़ा है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है. रेहड़ी-पटरी व्यापारियों को लोन की सुविधा दी गई है. इसके अलावा, चिनाब ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है, और उधमपुर-श्रीनगर रेल परियोजना सफलतापूर्वक पूरी की गई है, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज शामिल है.

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि सरकार का लक्ष्य विकसित भारत बनाना है. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पॉलिसी पैरालाइसिस से उबारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के साथ काम किया है. हमारा संकल्प है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जाए." इस बजट सत्र में सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है, जो देश को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेंगे.