इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर मायावती ने बड़ा बयान दिया है. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने कहा है कि अगर कांग्रेस की ओर से सम्माजनक सीटें मिली तो ही वह गठबंधन करेगी. ऐसा नहीं होने पर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. बता दें कि कांग्रेस बीजेपी को मात देने के लिए बीएसपी से हाथ मिलाने की रणनीति बना रही हैं. तीनो राज्यों में मायावती को मानने वालों की अच्छी तादाद हैं.
मायावती की पार्टी से तालमेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले तीनों राज्यों के प्रमुख नेताओं से मुलाक़ात की थी. बहरहाल, मायावती ने आज कहा कि कांग्रेस को गठबंधन करने के लिए बीएसपी को सम्मानजनक सीट देनी होंगी.
BSP will contest elections as a part of coalition govt only if it gets respectable no. of seats. BSP wants to tell Congress leaders giving reactions about an alliance with BSP in Rajasthan, Madhya Pradesh & Chattisgarh,that the same condition applies to Congress as well: Mayawati pic.twitter.com/wVUDfPxAWe
— ANI (@ANI) July 24, 2018
बता दें कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी नेताओं ने मायावती की पार्टी के साथ गठबंधन की वकालत की थी. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस ओर इशारे किए थे.
आंकड़े:
मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश में साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 230 में से 165 सीट मिली थी, कांग्रेस को 58 और बीएसपी को 4 सीट मिली थी. मगर 11 सीट पर बीएसपी दुसरे नंबर पर थी. अगर उस समय कांग्रेस मायावती के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरती तो बीजेपी को 30 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता.
राजस्थान:
सूबे में बीजेपी ने 2013 में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था. बीजेपी को 200 में से 163 सीट मिली थी. कांग्रेस के खाते में 21 तो वहीं बीएसपी के खाते में 3 सीट गई थी. वहां अगर कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन होता तो बीजेपी को 10 से ज्यादा सीटों का नुकसान हो सकता था.
छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 90 में से 49 सीट हासिल हुई थी. कांग्रेस को 39 और बीएसपी को 1 सीट मिली थी. बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयर में ज्यादा अंतर नहीं था. बीजेपी को 41 प्रतिशत वोट मिले थे तो कांग्रेस को 40.3 फिसद. अगर कांग्रेस-बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो बीजेपी के लिए सरकार बनाना शायद मुश्किल होता.
वैसे आंकड़ो से पता लगता है कि बीजेपी को वोटों के बिखराव से ज्यादा फायदा होता है और वह सरकार बना लेती है. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस-बीएसपी की रणनीति क्या होती है.