'Nation With Namo'है बीजेपी का नया मंत्र, जिसके जरिए देश की जनता को लुभाएगी पार्टी
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credit-Twitter)

नई दिल्ली: हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में पराजय के बाद, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए प्रयासरत बीजेपी ‘‘नेशन विद नमो’’ (Nation With Namo) और ‘पहला वोट मोदी के नाम’ (First vote Modi's Name) अभियान के जरिये युवाओं एवं पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को साधेगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ बीजेपी का मंत्र सबका साथ, सबका विकास (Sabka Sath Sabka Vikas) है. आगामी लोकसभा चुनाव में हमारा जोर युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, सैनिकों पर रहेगा .’’

पार्टी का, अपनी चुनावी रणनीति के तहत किसानों, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में किसान कुंभ, बिरसा ग्राम सभा, भीम समरसता भोज, उज्जवला रसोई कार्यक्रम आयोजित करने का वृहद कार्यक्रम है. पार्टी 12 जनवरी को ‘नेशन विद नमो’ अभियान को औपचारिक रूप से आगे बढ़ायेगी . इसके तहत आने वाले समय में ‘नेशन विद नमो वॉलन्टियर’ के जरिये देश में 50 लाख युवाओं को संकल्प दिलाया जायेगा.

साथ ही पार्टी 15 जनवरी से 10 फरवरी तक देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में युवा संसद कार्यक्रम आयोजित करेगी. बीजेपी ने पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर खास जोर दिया है और इन्हें पार्टी से जोड़ने के लिये ‘‘पहला वोट मोदी के नाम’ पहल शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 2000 में जन्म लेने वाले और 2019 के चुनाव में पात्र मतदाताओं का उल्लेख किया था. तब से ही बीजेपी इस पहल को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त मिली है, जहां लोकसभा की 65 सीटें हैं . बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर 2019 में यह संख्या घटकर आधी रह सकती है. ऐसे में पार्टी इस हार से उबरकर लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसने में जुटी है.

हिंदी पट्टी में हुए नुकसान की भरपाई पार्टी दक्षिण, पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्यों से करने की तैयारी में है. इस मकसद से प्रधानमंत्री मोदी केरल (Kerala), पश्चिम बंगाल (West Bengal), ओडिशा (Odisha), तेलंगाना (Telangana), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगे. इन इलाकों से लोकसभा की 122 सीटें आती हैं. बीजेपी पदाधिकारी ने बताया कि आने वाले चुनाव में किसान एवं कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण मुद्दा बनने जा रहा है.

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ऐसे में किसान परिवारों तक इसके व्यापक प्रचार के लिये देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है. किसान को जोड़ने की पहल के तहत तीन स्तर पर काम किया जा रहा है. केंद्रीय और प्रदेश टीम के साथ जिला प्रभारियों को इस कार्य में लगाया गया है . साथ ही तहत पंचायत स्तर पर ‘‘किसान कुंभ ग्राम सभा’’ (Kisan Kumbha Village Sabha) का आयोजन भी होगा.