पटना, 14 अक्टूबर. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election 2020) में प्रमुख मुकाबला आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बनाम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) होने जा रहा है. इसके साथ जेडीयू (JDU) जहां बीजेपी (BJP) के साथ चुनाव लड़ रही हैं वहीं आरजेडी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया हुआ है. हालांकि इस चुनाव में तीसरा मोर्चा भी उभर कर सामने जरूर आया है. इसी कड़ी में आज आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वैशाली की राघोपुर सीट से पर्चा भरा है. उन्होंने इससे पहले अपनी मां और बड़े भाई तेज प्रताप यादव का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. सूबे में सभी की निगाहें राघोपुर सीट पर हैं जहां से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. तेजस्वी यादव का मुकाबला उनकी मां राबड़ी देवी को हराने वाले सतीश यादव से है. जो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि राघोपुर की जनता ने हमेशा हम लोगों का साथ दिया है. राघोपुर की जनता हमें एक बार फिर जीताने का काम करेगी. हमारी सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट मीटिंग में पहला हस्ताक्षर 10 लाख नौजवानों को स्थायी रोज़गार देने के लिए होगा. उन्होंने कहा कि दूसरी बात ये है कि समान काम समान वेतन की जो मांग नियोजित शिक्षकों लंबे समय कर रही है उनको मैं वादा करता हूं कि हमारी सरकार बनते ही हम उनकी मांगे पूरी करेंगे. यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: क्या चिराग पासवान और तेजस्वी यादव एक साथ मिलकर खेल सकते हैं बड़ा गेम
ANI का ट्वीट-
If we form the govt, the first thing we'll do at the first cabinet meet is to sanction jobs for 10 lakh youth. These will be government jobs and permanent in nature: RJD leader Tejashwi Yadav, ahead of filing nomination from Raghopur today, for the upcoming #BiharElections2020 pic.twitter.com/UMWwMMxq3y
— ANI (@ANI) October 14, 2020
ज्ञात हो कि सतीश यादव पहले राघोपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. वे इस चुनाव में तीसरी बार यहां से अपना भाग्य आजमां रहे हैं. साल 2010 में सतीश यादव ने जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ा था और पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हराया था. लेकिन 2015 में तेजस्वी यादव ने सतीश यादव को हराकर अपनी मां की हार का बदला ले लिया.
गौर हो कि राघोपुर सीट लालू यादव परिवार की परंपरागत सीट है. लालू प्रसाद यादव ने साल 1995 और 2000 में यहां से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. उसके बाद उन्होंने इस सीट से पत्नी को चुनाव लड़ाया था.