बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव के तारीखों का जैसे ही ऐलान हुआ राजनीतिक दल सत्ता तक पहुंचने के लिए जोड़तोड़ में लग गए. इस बार के चुनाव में कई बड़े उलटफेर अभी देखे गए हैं और आगे रिजल्ट के बाद भी देखा जाएगा. जैसे कि जीतन राम मांझी का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बनना और एनडीए के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को रिश्ता तोड़ लेना. जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि इस बार का बिहार चुनाव और उसके बाद परिणाम के बाद का नजारा बेहद दिलचस्प होने वाला है. जहां पर एनडीए से अलग होने के बाद LJP ने बीजेपी का तो विरोध नहीं किया लेकिन JDU के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इसी बीच सियासी गलियारे में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उन्होंने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को बधाई दी और अपना छोटा भाई बताया.
चिराग पासवान का यह रुख अब इस तरफ इशारा कर रहा है कि हो सकता है दोनों दल एक साथ हो जाएं. वैसे भी महागठबंधन से जीतन राम मांझी और उप्रेंद्र कुशवाहा ने पहले ही नाता तोड़ लिया है. सियासी गलियारे में अब इसकी चर्चा है कि चुनाव परिणाम के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी आरजेडी से हाथ मिला सकती है. JDU से न पटने के बाद चिराग पासवान ने अलग होने का फैसला लिया है. वहीं सूत्र कह रहे हैं कि अब बीजेपी के साथ में भी अच्छी नहीं जम रही है. शायद यही कारण है कि बीजेपी प्रचार में मोदी और शाह के नाम पर वोट मांगने से मना किया है. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Election 2020: अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो तेजस्वी यादव रचेंगे इतिहास, बनेंगे बिहार के सबसे युवा मुख्यमंत्री.
वहीं आरजेडी एक बड़ी पार्टी है और पिछले चुनाव में उनका रिजल्ट बेहतर था. ऐसे में चुनाव परिणाम आने के बाद अगर तेजस्वी यादव की पार्टी का परिणाम और बेहतर आया और चिराग पासवान की LJP ने भी सीटों पर कब्जा किया तो दोनों एक साथ हो सकते हैं. वैसे भी सत्ता में काबिज होने के लिए एक दल को दूसरे दल का सहारा लेना पड़ेगा. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि LJP फिर से बीजेपी के साथ हो जाए, क्योंकि चिराग पासवान और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) में ठनाठनी है बीजेपी सिर्फ पूरा माजरा देख रही है. फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम से यह साफ होगा कि कौनसा दल किसके साथ चलेगा और कौन नई राह चुनेगा.