चुनाव बाद हिंसा में घायल बंगाल भाजपा उम्मीदवार की मौत
बीजेपी (Photo Credits: PTI)

कोलकाता, 23 सितम्बर: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में दक्षिण 24 परगना जिले के मगरहाट पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पराजित भाजपा उम्मीदवार धुरजाती साहा की 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट किए जाने के बाद बुधवार शाम अस्पताल में मौत हो गई. भाजपा ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हत्या की सीबीआई जांच की मांग की. यह भी पढ़े: रांची में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या, भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

साहा के परिवार वालों ने दावा किया कि 2 मई को तृणमूल के 'गुंडों' ने उन्हें बेरहमी से पीटा था, जिसमें उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं. हालांकि साहा को तुरंत एक स्थानीय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था और फिर कोलकाता के ठाकुरपुकुर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई. साहा की पत्नी ने भी हत्या की सीबीआई जांच की मांग की. स्थानीय तृणमूल विधायक गियासुद्दीन मुल्ला ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि साहा पर हमला किसने किया था, क्योंकि वह उस समय मतगणना केंद्र के अंदर थे. ठाकुरपुकुर में अस्पताल का दौरा करने वाले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि मतगणना के रुझानों से पता चला था कि टीएमसी के उम्मीदवार साहा से पीछे चल रहे थे, उसके बाद उन्हें स्थानीय तृणमूल विधायक के गुर्गों ने पीटा था. उन्हें अगले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह दावा करते हुए कि यह तृणमूल द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ चुनाव के बाद के अत्याचारों का एक और उदाहरण है, सिंह ने कहा कि पार्टी जल्द ही इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के साथ उठाएगी.

हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन एनएचआरसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद दुष्कर्म और हत्या के कई मामले सामने आए. एनएचअरसी पैनल की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त को दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के सभी कथित मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. साहा की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति को मगरहाट में मतगणना केंद्र के बाहर तीन-चार तृणमूल कार्यकतार्ओं ने पीटा, जो मुल्ला के करीबी थे, और पुलिस को सूचित करने के बाद भी, जब उन्होंने उनकी मदद मांगी, तब भी वे उनके बचाव में नहीं आए. उन्होंने कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं और क्षेत्र के कुछ निवासियों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बहुत बाद में घर वापस ले जाया गया. उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. हम घटना की सीबीआई जांच और हमले के पीछे लोगों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं.