Mumbai Patent Office: पेटेंट ऑफिस को मुंबई से दिल्ली शिफ्ट करने पर आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया पर साधा निशाना, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया पलटवार
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 मुंबई,महाराष्ट्र: पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क के राष्ट्रीय मुख्यालय (सीजीपीडीटीएम) को मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर करने को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और विधायक आदित्य ठाकरे के बीच विवाद छिड गया है.केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सीजीपीडीटीएम के राष्ट्रीय मुख्यालय को मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा करते हुए एक परिपत्र जारी करने के बाद आदित्य ठाकरे ने निशाना साधा है. आदित्य ठाकरे ने पीयूष गोयल पर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए उनपर निशाना साधा है.

आदित्य ने ट्वीट करते हुए कहा है की ,' मुंबई ने सांसद बनाकर जिसको जितवाया, उस मंत्री ने शर्मनाक काम किया है. जिस शख्स को जीतवाकर दिया, उनके साथ विश्वासघात किया गया. उन्होंने कहा की भाजपा की हर हरकत मुंबई का अपमान करने वाली लगती है, हमारे घावों पर नमक छिड़कने वाली लगती है. ठाकरे ने आगे कहा की इसी मंत्री को लगता है कि हमारे राज्यों को केंद्र सरकार को दिए जाने वाले योगदान में केंद्र से अपना उचित हिस्सा नहीं मांगना चाहिए. इस मुख्यालय को स्थानांतरित करने की क्या आवश्यकता है? ये भी पढ़े:Aditya Thackeray on BJP: जीत के बाद भाजपा को जनता का नहीं, चुनाव आयोग का करना चाहिए धन्यवाद; आदित्य ठाकरे

आदित्य ठाकरे ने किया पोस्ट

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया पलटवार

पीयूष गोयल ने आदित्य ठाकरे की पोस्ट दी जानकारी

आदित्य ठाकरे की इस पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पलटवार करते हुए उनपर निशाना साधते हुए है कि आपकी आक्रामकता असामयिक और आधी-अधूरी है. यह अतिउत्साही निशाना सिद्ध करता है कि महाराष्ट्र की जनता ने आपको शासन करने के लिए अयोग्य क्यों समझा. गोयल ने आगे लिखा ,' रजिस्ट्रेशन के लिए, मुंबई के ट्रेडमार्क और पेटेंट कार्यालय का मुख्य कार्यालय मुंबई में ही काम करता रहेगा.जबकि प्रशासन और वित्त विभाग समेत @cgpdtm_india ऑफिस दिल्ली में होगा.

गोयल ने आगे कहा कि यह कदम उठाने का कारण आपकी पार्टी और उसकी शासन शैली से बिल्कुल अलग है.'मोदी सरकार भारत में नवप्रवर्तकों और उद्यमियों का समर्थन करने के लिए विभाग के साथ बेहतर समन्वय और कार्यात्मक विकास चाहती है.यह साबित करने के लिए यहां कुछ आंकड़े दिए गए हैं कि 2014 के बाद से भारत का ट्रेडमार्क और पेटेंट पारिस्थितिकी तंत्र क्यों फलफूल रहा है.