दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: AAP का नाम लेने पर डीसीपी राजेश देव को इलेक्शन कमीशन की फटकार, कमिश्नर को पत्र लिख चुनाव की ड्यूटी से हटाने को कहा
डीसीपी राजेश देव (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: शाहीन बाग में फायरिंग करने वाला आरोपी कपिल गुर्जर (Kapil Gujjar) आम आदमी पार्टी से जुड़ा है. दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव (Rajesh Deo) के इस खुलासे के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. बिना जांच के आम आदमी पार्टी का नाम लेने पर आप द्वारा चुनाव आयोग (Election Commission) में शिकायत के बाद चुनाव आयोग दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख देव को फटकार लगाई है. चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है. किसी एक फोटो के आधार पर कोई अधिकारी चुनाव के समय कैसे किसी पार्टी का नाम ले सकता है जबकि चुनाव सामने है. यदि वह ऐसा कर रहा है तो वह आचार संहिता का उल्लंघन है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के अवांछनीय सार्वजनिक बयानों को लेकर चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही कहा गया है उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े कोई भी काम ना सौंपा जाए. एक तरफ से चुनाव आयोग ने उनके काम को लेकर सवाल उठाया है कि किसी मामले में जांच पूरी नहीं हुई और अधिकारी पार्टी का नाम लेते हुए आरोपी के बारे में सार्वजानिक घोषणा करने लगा कि वह किसी एक पार्टी से जुड़ा हुआ है. यह भी पढ़े: शाहीन बाग फायरिंग में कपिल गुर्जर को लेकर बड़ा खुलासा- जानें कौन है AAP से जुड़ा ये शख्स, कैसे बन गया Journalism के स्टूडेंट से शूटर

दरअसल मंगलवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेव देव कपिल गुर्जर के बारे में खुलासा करते हुए मीडिया को बताया था कि आरोपी कपिल आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है. कपिल गुर्जर ने एक साल पहले सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी की AAP की सदस्यता ली थी. पुलिस की तरफ से कुछ फोटो भी जारी किए  गए. जिसमें आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह दिख रहे हैं.

खुलासे के बाद  बीजेपी आप के बीच शुरू हुई जुबानी जंग 

पुलिस के इस खुलासे के बाद बीजेपी और आप के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई. बीजेपी के नेताओं ने जहां केजरीवाल को घेरना शूरू किया कि उनकी पार्टी चुनाव हार रही है. इसलिए उन्होंने अपने कार्यकर्ता से दिल्ली का माहौल खराब करने के लिए गोली चलवाई. बीजेपी के इस आरोप के बाद आप ने डीसीपी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने की बात कह पार्टी के बार में सफाई दी कि किसी का फोटो किसी के साथ होना यह नहीं कि वह उसके उस अपराध में शामिल हैं. ऐसा है तो पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं की फोटो कई आरोपियों के साथ है. तो क्या वे उसके उस अपराध के जिम्मेदार हैं.