2023 में न्यूक्लियर और रेडियोएक्टिव मैटीरियल से जुड़े 168 संदिग्ध मामले
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दुनिया के 31 देशों में बीते साल परमाणु और रेडियोएक्टिव मैटीरियल चुराने की 168 कोशिशें हुईं. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को इनमें से छह वारदातों पर गंभीर संदेह है.संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के मुताबिक बीते 30 साल में 4,243 से संदिग्ध मामले दर्ज किए हैं. ये सभी मामले परमाणु और रेडियोएक्टिव मैटीरियल की तस्करी, खोने या फिर चोरी से जुड़े हैं. एजेंसी के मुताबिक 1993 से अब तक सामने आए इन मामलों में से 350 केस गंभीर तस्करी या फिर गलत इस्तेमाल से जुड़े हो सकते हैं.

2023 में भी 31 देशों में ऐसे 168 मामले सामने आए, इनमें से छह को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है. आईएईए की न्यूक्लियर सिक्योरिटी डिविजन की डायरेक्टर इलेना बुग्लोवा कहती हैं, "इन वारदातों का दोहराव इस बात की पुष्टि करता है कि रेडियोएक्टिव मैटीरियल को नियंत्रित, सुरक्षित और सही तरीके से ठिकाने लगाने के निगरानी तंत्र को लगातार सजग रहते हुए सुधारने की जरूरत है."

कहां कहां इस्तेमाल होता है रेडियोएक्टिव मैटीरियल

ज्यादातर मामलों में परमाणु या रेडियोधर्मी सामग्री, जाने-अनजाने सामने आई. अधिकतर मामले ऐसे हैं जब रद्दी में फेंकी गई धातुओं में रेडियोधर्मी मैटीरियल मिला. आईएईए ने यह भी बताया कि इन वारदातों में यूरेनियम, प्लूटोनियम और थोरियम जैसी रेडियोधर्मी धातुओं की हिस्सेदारी कम जरूर हुई है. सन 2000 के बाद परमाणु व रेडियोएक्टिव सामग्री के संदिग्ध आपराधिक मामलों की संख्या में कमी आई है.

ईरान ने तय सीमा से ज्यादा इकट्ठा किया यूरेनियम, टिकी पूरी दुनिया की निगाहें

परमाणु या रेडियोएक्टिव सामग्री या फिर इससे जुड़े कचरे को बेहद कड़े मानकों के साथ ट्रांसपोर्ट, इस्तेमाल और डिस्पोज किया जाता है. बुग्लोवा जोर देकर कहती हैं कि "ट्रांसपोर्ट अब भी लगातार सुरक्षा बेहतर करने वाला विषय बना हुआ है."

रेडियोएक्टिव मैटीरियल सिर्फ परमाणु कार्यक्रम में ही इस्तेमाल नहीं होते हैं. दुनिया भर के अस्पतालों, यूनिवर्सिटियों, शिपिंग और उद्योगों में भी रेडियोएक्टिव मैटीरियल वाली मशीनरी इस्तेमाल की जाती है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा सम्मलेन

यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना से चलने वाले आईएईए ने यह डाटा, चौथे अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा सम्मेलन से पहले जारी किया है. यह सम्मेलन शुक्रवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले 2020 में भी यह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस विएना में ही हुई थी. फिलहाल 145 देश परमाणु सामग्री के खोने, चोरी होने या गलत तरीके से डिस्पोज होने की जानकारी आईएईए को देते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय, द व्हाइट हाउस के वरिष्ठ आर्म्स कंट्रोल व परमाणु अप्रसार अधिकारी प्रणय वड्डी कहते हैं, "परमाणु ऊर्जा और परमाणु मैटीरियल आने वाले वर्षों में और ज्यादा इस्तेमाल में आएंगे." ऐसे में परमाणु सामग्री को सुरक्षित ढंग से संभालना हर देश के लिए अहम है.

बीते 30 वर्षों से सबसे बड़ी चिंता यही है कि ऐसी परमाणु सामग्री गलत हाथों में न पड़ जाए. इसका दुरुपयोग कर डर्टी बम बनाए जा सकते हैं. ऐसे बम आम विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए रेडियोधर्मी प्रदूषण फैला सकते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक डर्टी बम, परमाणु बमों की तरह विध्वंसक नहीं होंगे लेकिन शहरी आबादी में यह व्यापक अफरा-तफरी फैला सकते हैं.

ओएसजे/आरपी (एएफपी, डीपीए)