नई दिल्ली: भारत और चीनी सेना के बीच पिछले महीने गलवान घाटी के पास हुए हिंसक झड़प में सेना के 20 जवानों को शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. सेना के जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) अचानक से पिछले हफ्ते 3 जुलाई को लेह के अग्रिम मोर्चे नीमू पर जाकर सैनिकों को संबोधित करने के साथ ही झड़प में घायल सैनिकों से अस्पताल पहुंच कर मुलाकात की. प्रधानमंत्री के इस दौरे को कांग्रेस ने तंज सकते हुए नीमू को टूरिस्ट स्पॉट बताया. वहीं महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी पार्टी के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने पीएम मोदी के इस दौरे की तारीफ की है.
मीडिया के बातचीत में शरद पवार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि '1962 में जब हम युद्ध हार गए, तब तत्कालीन पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन रक्षामंत्री यशवंत राव चव्हाण लाइन आफ एक्चूअल कंट्रोल (LAC) पर गए और जवानों का हौसला बढ़ाया. ठीक वैसे ही पीएम मोदी वहां पर जाकर सेना के जवानों का हौसला बढ़ाया. पवार ने कहा कि जब कभी भी ऐसी स्थिति पैदा हो, देश के नेतृत्व को आगे आकर सैनिकों का हौसला बढ़ाना चाहिए. यह भी पढ़े: पीएम मोदी के दौरे के बाद चीनी सेना गलवान घाटी से पीछे हटने के लिए हुई मजबूर, जानिए कब-कब क्या हुआ
In 1962, when we lost the war, JL Nehru (the then PM)&Yashwantrao Chavan (the then Defence Minister) went there (LAC)&motivated soldiers. Similarly,our present PM has done it. Whenever there's such situation, country's leadership must take steps to motivate soldiers: Sharad Pawar pic.twitter.com/tNq03hidOg
— ANI (@ANI) July 7, 2020
बता दें कि भारत और चीन के बीच तनाव को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है. राहुल गांधी ने तो पीएम मोदी को सरेंडर मोदी तक भी कह डाला है. वहीं एक दिन पहले जब एलएसी से चीनी सेना को पीछे हटने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि कोई भारतीय इलाके में नहीं आया है और न ही किसी ने भारतीय सेना के किसी पोस्ट को कब्जा ही किया है. ऐसे में उनका वह बयान गलत था. इसलिए उन्हें अपने उस बयान पर देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.