नई दिल्ली: देश में तेल की लगातार बढ़ती कीमतों से हाहाकार मचा हुआ है. एक ओर जनता जहां इन दामों से परेशान है वहीं दूसरी ओर विपक्ष मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. केंद्र सरकार द्वारा दी गई मामूली राहत के कुछ दिन बाद हालात फिर से पहले जैसे हो गए हैं. तेल के दामों में ये बढ़ोतरी उस समय हुई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पांच डॉलर तक कम हुई है. अब ऐसे में कांग्रेस के केंद्र सरकार पर जुबानी हमले और तेज हो गए हैं. इस बीच पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है.
तेल की लगातार बढती कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पर बैठक हुई. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और पेट्रोलियम मत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे. बैठक में कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने पर चर्चा हुई.
मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर कई सुझाव आए है. इन्हें जल्द लागू किया जा सकता है. हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है. यह भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल ने मचाया हाहाकार, जनता परेशान, जानिए अब कितने हो गए दाम
बैठक में अमेरिकी डॉलर के सामने लगातार लुढ़क रहे रुपये की गिरावट को रोकने पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक में देश में गैर-पारंपरिक फ्यूल जैसे इथनॉल और मिथनॉल को लेकर उठाए कदमों का असर कब तक दिखने लगेगा और कैसे इसे और आगे बढ़ाया इस पर विचार किया गया
कच्चे तेल के दाम में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है. 9 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 85.16 डॉलर, 10 अक्टूबर को 83.82 डॉलर थी. आज इसकी कीमत 80.51 डॉलर प्रति बैरल है. वहीं कीमत में इस गिरावट के बाद भी देश की जनता को तेल के दामों में कोई रहत नहीं मिली.
केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत के बाद लगातार आठवें दिन देश में तेल के दामों में बढ़ोतरी जारी है. दिल्ली में डीजल 28 पैसे और पेट्रोल 12 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ. एक लीटर डीजल 74 रुपये 90 पैसे और पेट्रोल 82 रुपये 48 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है.