प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं. कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं टिड्डी का कहर, कहीं ओलावृष्टि, असम की ऑयल फील्ड में आग, लगातार छोटे-छोटे भूकंप की खबरें. वहीं इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है. कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं. लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है. अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है. इसी सबक से निकला है. हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट भी बनाना है. ये टर्निंग पॉइंट क्या है?आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक आकांक्षा की तरह जिया है. यह भी पढ़ें:- देश में कोरोना का तांडव: 24 घंटे के भीतर आए 9996 पॉजिटिव केस और 357 लोगों की हुई मौत,ये राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित.
ANI का ट्वीट:-
The world is fighting Coronavirus, India is fighting that too. But there are other issues also. Flood, locusts, hailstorm, fire in oil well, small earthquakes, two cyclones - we are fighting all of these together: PM Narendra Modi on 95th Annual Day of Indian Chamber of Commerce pic.twitter.com/RCFBuo5wms
— ANI (@ANI) June 11, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि 5-6 वर्ष पहले एक LED बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज़्यादा में मिलता था आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हज़ार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, LED की वजह से बच रहे हैं. ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है. आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक एस्पिरेशन की तरह जिया है.
लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है. उन्होंने कहा, ICC ने 1925 में अपने गठन के बाद से आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है.