मुंबई (Mumbai) की एक विशेष अदालत (Special Court) ने सरकारी अस्पताल में जातिगत टिप्पणियां कर एक जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टरों को 31 मई तक पुलिस हिरासत (Police Custody) में भेज दिया. 26 साल की पायल तडवी (Payal Tadvi) ने पिछले बुधवार को बीवाईएल नायर अस्पताल (B.Y. L Nair Hospital) में अपने कमरे में कथित रूप से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद भक्ति मेहेरे, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. एम. सडरानी (R M Sadrani) के समक्ष अभियोजन ने दलील दी कि यह पता लगाने के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है कि उन्होंने पायल तडवी का कथित सुसाइड नोट (Suicide Note) गुमा दिया है या नष्ट कर दिया.
Payal Tadvi alleged suicide case: All three accused sent to police custody till 31st May. pic.twitter.com/3DJZ6FsVb1
— ANI (@ANI) May 29, 2019
मालूम हो कि पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि मंगलवार को थोड़ी देर पूछताछ के बाद डॉक्टर भक्ति मेहारे को गिरफ्तार किया गया था जबकि दो अन्य आरोपी डॉक्टरों हेमा अहूजा और अंकिता खंडेलवाल को बुधवार तड़के पकड़ा गया. पुलिस उपायुक्त (जोन तीन) अविनाश कुमार ने बताया, ‘दोनों को पुणे और मुंबई से गिरफ्तार किया गया है.' आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोधी) अधिनियम, रैंगिग रोधी अधिनियम, आईटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह भी पढ़ें- नायर हॉस्पिटल सुसाइड केस: पति ने जताई डॉ पायल तडवी की हत्या की आशंका, सरकार से लगाई मदद की गुहार
इससे पहले, पायल तडवी के माता-पिता ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था. अन्य प्रदर्शनकारी भी उसकी मां आबिदा और मृतका के पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीनों डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. वंचित बहुजन अघाडी’ और अन्य दलित एवं आदिवासी संगठनों ने भी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था.
भाषा इनपुट