नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल (Ajit Doval) के एक बयान को लेकर सरकारी अधिकारियों ने स्पष्टीकरण जारी क्या है. उन्होंने कहा कि एनएसए ने केवल सभ्यता और आध्यात्मिक संदर्भ में टिप्पणी की थी, उनके बयान का चीन (China) या किसी भी अन्य देश से जारी तनाव से लेनादेना नहीं है. चीन के साथ तनाव खत्म करना चाहता है भारत लेकिन एक ईंच जमीन नहीं देंगे: राजनाथ
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को ऋषिकेश (Rishikesh) में धार्मिक समारोह में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा "आपने कहा कि हमने कभी किसी पर हमला नहीं किया है और इसके बारे में कई विचार हैं. अगर देश के लिए कोई खतरा है, तो हमें हमला करना चाहिए क्योंकि देश को बचाना महत्वपूर्ण है. हम लड़ेंगे जहाँ आप हमसे लड़ना चाहते हैं, यह भी अनिवार्य नहीं है. हम वहां लड़ेंगे जहाँ से खतरा आ रहा है. हमने स्वार्थ के लिए ऐसा कभी नहीं किया है. हम अपनी और दूसरों की ज़मीन पर भी युद्ध लड़ेंगे लेकिन हमारे स्वार्थी कारणों से नहीं बल्कि दूसरों की सर्वोच्च भलाई के लिए.”
एनएसए अजीत डोभाल ने सुझाया कि राज्य भौतिक आयामों से बंधे हैं, लेकिन राष्ट्र एक भावनात्मक बंधन है जो आध्यात्मिकता और संस्कृति के सामान्य धागे से बंधा है, जिसमें हमारे गुरुओं और आध्यात्मिक केंद्रों के गर्व और भूमिका की सामूहिक भावना है.
हालांकि एनएसए ने यह बातें भारत की आध्यात्मिक शक्ति के संदर्भ में कही थी. इस दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का भी उल्लेख किया था. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एनएसए के बयान को अलग तरीके से पेश किया गया और इसे चीन के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी संघर्ष से जोड़कर बताया गया.