Nitin Gadkari on Toll Booths: राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वालों को आने वाले एक साल में टोल बूथ जाम की चिंता खत्म होने वाली है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि अगले एक साल में देशभर से सभी भौतिक टोल बूथ (Physical Toll Booths) हटा दिए जाएंगे. उनकी जगह पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक और बाधारहित टोल संग्रह प्रणाली (Barrier-Free Toll Collection System) लागू होगी, जिससे वाहन बिना रुके, बिना लेन बदले और बिना गति कम किए सामान्य स्पीड से आसानी से गुजर सकेंगे.
एक साल में पूरे देश में लागू होगी नई व्यवस्था
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि यह नई प्रणाली ‘मल्टी लेन फ्री फ्लो इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन’ (MLFF ETC) पर आधारित होगी. इस सिस्टम को फिलहाल 10 पायलट स्थानों पर लागू किया जा चुका है और अगले 12 महीनों में चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में इसे विस्तार दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट कहा कि मौजूदा टोल व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी और भविष्य में टोल के नाम पर किसी भी वाहन को रोका नहीं जाएगा. यह भी पढ़े: Maharashtra Toll Tax Free: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, Mumbai-पुणे एक्सप्रेसवे, समृद्धि महामार्ग और अटल सेतु पर इन वाहनों को टोल से छू
नई टोल प्रणाली कैसे करेगा काम?
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि नई व्यवस्था में मौजूदा RFID आधारित FASTag को AI तकनीक से लैस ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों के साथ जोड़ा जाएगा. टोल पॉइंट्स पर लगे ऊपरी गैंट्री पर हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे चलते वाहनों की नंबर प्लेट रिकॉर्ड करेंगे. इसके बाद सिस्टम नंबर प्लेट को FASTag से लिंक बैंक खाते से मिलाकर टोल राशि स्वतः काट लेगा.
FASTag अनिवार्य
सरकार के अनुसार FASTag वर्ष 2021 से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है. यह वाहन की विंडशील्ड पर लगाया जाने वाला RFID स्टिकर होता है, जो बैंक खाते या प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा रहता है. नई बाधारहित प्रणाली में अलग-अलग टोल लेन की जरूरत नहीं होगी और वाहन किसी भी लेन से गुजर सकेंगे. FASTag न होने या खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने की स्थिति में ANPR सिस्टम के जरिए वाहन मालिक को भुगतान नोटिस भेजा जाएगा.
यात्रियों को होगा बड़ा फायदा
राष्ट्रीय भुगतान निगम ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा किए गए शुरुआती परीक्षणों में यह सामने आया है कि इस प्रणाली से यातायात प्रवाह में सुधार हुआ है. टोल पर रुकावट खत्म होने से समय और ईंधन की बचत होगी और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
गडकरी ने बताया कि देश में फिलहाल 10 लाख करोड़ रुपये की लागत से 4,500 से अधिक राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं और नई टोल व्यवस्था से सड़क परिवहन तंत्र और मजबूत होगा, जिससे खासकर लंबी दूरी के ट्रक चालकों को बड़ी राहत मिलेगी.













QuickLY