Ladki Bahin Yojana News Update: महाराष्ट्र में लाड़की बहिन योजना लाभार्थियों को 500 रुपये मिलेंगे या 1,500 रुपये? अदिति तटकरे और अजित पवार ने दी बड़ी जानकारी

मुंबई, 18 अप्रैल: मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) पर बढ़ती आलोचना और भ्रम के बीच महाराष्ट्र सरकार ने दोहराया है कि इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को मिलने वाली मासिक लाभ राशि में कोई कटौती नहीं की गई है. विपक्ष के दावों के विपरीत, राज्य ने स्पष्ट किया कि अधिकतम 1,500 रुपये प्रति माह अभी भी दिए जा रहे हैं, हालांकि वास्तविक राशि इस बात पर निर्भर करती है कि लाभार्थी अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है या नहीं. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन चुनावों के बाद से चुपचाप लाभ सीमित कर रहा है. कुछ ने तो यहां तक ​​कहा कि अमीर परिवारों की महिलाओं को अवैध रूप से लाभ लेने के लिए कानून के दायरे में लाया जा रहा है. ऐसी रिपोर्टों का खंडन करते हुए, राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने स्पष्ट किया कि किसी भी महिला के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है और सरकार ने कोई भी धन वापस नहीं लिया है. उन्होंने जोर देकर कहा, "विपक्ष गलत सूचना दे रहा है." यह भी पढ़ें: Maharashtra Ladki Bahin Yojana: मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना पर बड़ा अपडेट, 8 लाख महिलाओं की राशि में कटौती के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार की सफाई; बोले योजना नहीं होगी बंद

लाड़की बहिन योजना में 500 रुपये या 1500 रुपये मिलेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, "जिन महिलाओं को किसी अन्य सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें लाड़की बहिन योजना के तहत पूरे 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे." "जिन महिलाओं को पहले से ही किसी अन्य योजना से 1,000 रुपये मिल रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त 500 रुपये मिलेंगे, जिससे कुल राशि 1,500 रुपये हो जाती है."

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन चुनावों के बाद से चुपचाप लाभ सीमित कर रहा है. कुछ ने तो यहां तक ​​कह दिया कि अमीर परिवारों की महिलाओं को अवैध रूप से लाभ लेने के लिए कानून के दायरे में लाया जा रहा है. ऐसी रिपोर्टों का खंडन करते हुए, राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने स्पष्ट किया कि किसी भी महिला के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, और सरकार ने कोई भी धनराशि वापस नहीं ली है.

उन्होंने कहा, "विपक्ष गलत सूचना दे रहा है." विवाद ने तब गंभीर रूप ले लिया जब सरकार ने हाल ही में लाभार्थियों की समीक्षा की, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 17 लाख महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया. अयोग्य घोषित किए जाने के कारणों में चार पहिया वाहन का मालिक होना या प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक की घरेलू आय होना शामिल था. लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आश्वासन दिया कि यह योजना पूरे जोर-शोर से और पूरे बजट मोड पर चल रही है और 3 जुलाई, 2024 के बाद किसी भी महिला को नहीं हटाया गया है. संक्षेप में लाड़की बहिन योजना क्रियाशील बनी हुई है और आवेदक द्वारा धारित अन्य कल्याणकारी अधिकारों के आधार पर या तो 1,500 रुपये की पूरी राशि या शेष राशि जारी की जाती है. सरकार ने दृढ़तापूर्वक जोर देकर कहा कि वितरण नीति में 3 जुलाई, 2024 के बाद कोई संशोधन नहीं किया गया है.