Doctors Strike: पटरी से उतर सकती है देशभर की स्वास्थ्य सुविधाएं! डॉक्टरों पर पुलिसिया एक्शन से बिगड़े हालात, दर-दर भटकने को मजबूर हुए लोग
रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल जारी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग (NEET-PG Counselling) में देरी को लेकर दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट मार्च करते समय सड़क पर ही पुलिस और डॉक्टरों के बीच झड़प हो गई. दोनों पक्षों का दावा है कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं. उधर, प्रदर्शनकारी डॉक्टर पुलिसिया कार्रवाई से और अधिक नाराज हो गए है. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. नीट-पीजी काउंसिलंग : दिल्ली के रेजीडेंट डॉक्टरों ने निर्माण भवन के बाहर प्रदर्शन किया

देर रात जारी प्रेस रिलीज में एसोसिएशन ने रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की. FAIMA ने 29 दिसंबर को सुबह 8 बजे से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करने की घोषणा की है. यह बंदी देशभर में रहेगी. उधर, देशभर के डॉक्टर्स एसोसिएशन भी पुलिस के एक्शन का विरोध कर रहे है.

सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, "आज सभी रेजिडेंट डॉक्टर मंत्री जी से मिलने निर्माण भवन जाएंगे. NEET-PG काउंसलिंग की मांग जारी है, इसके अलावा हम अतिरिक्त डीसीपी रोहित मीना की बर्ख़ास्तगी की मांग कर रहे हैं." आरोप है कि कल प्रदर्शन के दौरान डॉक्टरों से रोहित मीना ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर लाठीचार्ज करवाई.

अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर जाने से सफदरजंग अस्पताल में मरीज़ परेशानियों का सामना कर रहे हैं. एक महिला ने बताया, "मेरे बच्चे का इलाज इसी अस्पताल में हो रहा था लेकिन आज डॉक्टर ने यहां से दूसरी अस्पताल में रेफर कर दिया है." हालांकि सफदरजंग अस्पताल में OPD सेवाएं कुछ समय के लिए बंद रहने के बाद फिर से शुरू की गई.

उल्लेखनीय है कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को सांकेतिक रूप से अपने एप्रन (लैब कोट) लौटा दिए और सड़कों पर मार्च निकाला. डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, लोक नायक, अम्बेडकर, जीबी पंत, जीटीबी,

डीडीयू, कस्तूरबा गांधी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई है.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष ने कहा " रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक दिन पहले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) परिसर से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च करने की भी कोशिश की, लेकिन जैसे ही इसे हमने शुरू किया, सुरक्षाकर्मियों ने हमें आगे बढ़ने से रोक दिया."

पुलिस ने लाठीचार्ज से किया इनकार

मनीष ने यह भी आरोप लगाया कि कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें थाने ले जाया गया. हालांकि कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया जिससे कुछ डॉक्टर घायल हो गए. एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल में पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की तस्वीरें पोस्ट कीं. हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करने या अभद्र का इस्तेमाल करने के आरोप से इनकार किया.

राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी!

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव ने स्पष्ट कहा है कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो सरकार को देशभर के डॉक्टरों द्वारा राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी करनी चाहिए. एसोसिएशन के नोटिस के अनुसार, "देश के पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए रेजिडेंट डॉक्टर, जो कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अग्रिम पंक्ति में लड़ रहे हैं, पहले से ही विलंबित नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के कुछ सकारात्मक परिणामों के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है, अगली अदालती सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है."