देश में आम चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गर्माता जा रहा है. आरएसएस और वीएचपी की नाराजगी झेल रही बीजेपी पर अब संत समाज भी कड़ा रुख दिखा रहा है. रविवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने कहा कि कुंभ मेले की समाप्ति के बाद, हमने फैसला किया है कि सभी संत अयोध्या में मिलेंगे और राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा. बीजेपी राम मंदिर के निर्माण में दिलचस्पी नहीं ले रही है, क्योंकि वे इस मुद्दे को चुनाव के लिए जीवित रखना चाहते हैं
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं मंदिर निर्माण पर बीजेपी का रुख साफ न होने के कारण आरएसएस और वीएचपी दोनों मोदी सरकार को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं. इस मुद्दे पर वीएचपी ने कहा कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में मंदिर निर्माण का काम शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं बची है. इतना ही नहीं शनिवार को वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि अगर कांग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव में मंदिर मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में जगह देती है तो वीएचपी उसे समर्थन देने पर विचार कर सकती है. यह भी पढ़ें- कांग्रेस को समर्थन देने वाले बयान से पलटे VHP के कार्यकारी अध्यक्ष, कहा- उन्होंने कभी नहीं दिया राम मंदिर पर साथ
Narendra Giri, President of Akhada Parishad: After the end of Kumbh Mela, we have decided that all saints will meet in Ayodhya & construction of Ram Temple will start. BJP is not interested in constructing Ram Temple as they want to keep this issue alive for election. pic.twitter.com/OGocgTYu1z
— ANI UP (@ANINewsUP) January 20, 2019
हालांकि रविवार को आलोक कुमार ने अपने बयान में सफाई देते हुए कहा कि कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है. कांग्रेस का अभी तक इतिहास नहीं रहा है कि वह हिंदुत्व और राम मंदिर की बात करे. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने देशभर के सांसदों से मिलकर मंदिर के पक्ष में एक राय बनाने का आग्रह किया था. इस दौरान आलोक कुमार ने हिंदुत्व के मामलों में बीजेपी को सबसे बेहतर बताते हुए कहा, 'हम अब भी बीजेपी को ही बेहतर मानते हैं. लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी से निराशा मिली है. अगर हम बीजेपी से उम्मीद नहीं करेंगे तो क्या एसपी, बीएसपी और मुस्लिम लीग से करेंगे.'