राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार करने के अपने पुराने बयान पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok Kumar) ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समर्थन का सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है. कांग्रेस का अभी तक इतिहास नहीं रहा है कि वह हिंदुत्व और राम मंदिर की बात करे. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने देशभर के सांसदों से मिलकर मंदिर के पक्ष में एक राय बनाने का आग्रह किया था. बता दें कि शनिवार को आलोक कुमार ने कहा था कि अगर कांग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव में मंदिर मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में जगह देती है तो वीएचपी उसे समर्थन देने पर विचार कर सकती है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने मोदी सरकार के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी जताई थी. वीएचपी ने कहा था कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में मंदिर निर्माण का काम शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं बची है. 'हमें ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार राम मंदिर को लेकर कोई कानून नहीं लाएगी. हम आगामी 31 जनवरी और एक फरवरी को होने जा रही धर्म सभा में साधु-संतों को यह बताएंगे.' उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में होने वाली धर्मसभा में वीएचपी राम मंदिर को लेकर अपना विश्लेषण साधु-संतों के समक्ष रखेगी. उसके बाद वही तय करेंगे कि राम मंदिर आंदोलन के लिए आगे क्या करना है.
हालांकि इस दौरान आलोक कुमार ने हिंदुत्व के मामलों में बीजेपी को सबसे बेहतर बताते हुए कहा, 'हम अब भी बीजेपी को ही बेहतर मानते हैं. लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी से निराशा मिली है. अगर हम बीजेपी से उम्मीद नहीं करेंगे तो क्या एसपी, बीएसपी और मुस्लिम लीग से करेंगे.'