Gyanvapi Case: 'इस्लाम में छिनी हुई जमीन पर मस्जिद नहीं बना सकते', ज्ञानवापी मामले पर बोला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
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वाराणसी अदालत ने  ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया, जिस पर मुस्लिम पक्ष ने नाराजगी जाहिर की. अब इसे लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि 'हमारी अदालतें ऐसी राह पर चल रही हैं, जहां से लोगों का भरोसा उनसे टूट रहा है. ऐसा कई कानूनी जानकार भी मानते हैं.

उन्होंने कहा, 'कल जो वाक़या पेश आया वो निराशा पैदा करने वाला है. वहां मस्जिद है. 20 करोड़ मुसलमानों को और इंसाफ पसंद तमाम शहरियों को इस फैसले से बहुत धक्का पहुंचा है. मुसलमान रंज की हालत में है.'

सैफुल्लाह रहमानी ने आगे कहा, 'अगर मुस्लिमों की यह सोच होती कि दूसरों के इबादतगाह पर जबरन कब्जा किया जाए तो क्या इतने मंदिर मौजूद होते. कोर्ट ने जिस जल्दबाजी में फैसला किया और पूजा की इजाजत दी, उसने दूसरे पक्ष को पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया. इससे इंसाफ देने वाली अदालतों पर लोगों का भरोसा घटा है. बाबरी मस्जिद के फैसले में कोर्ट ने माना कि मस्जिद के नीचे मंदिर नहीं था, लेकिन एक तबके की आस्था को देखते हुए उसके हक में फैसला दिया गया.'

 

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में ये जो बात कही जाती है कि मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई, ये बात सरासर ग़लत है, इस्लाम में छिनी हुई ज़मीन पर मस्जिद नहीं बना जाती है. पहली मस्जिद जो बनी उसको भी खरीदा ही गया था.

आपको बता दें कि ज्ञानवापी के तहखाना में पूजा को देखते हुए वाराणसी में हाई अलर्ट घोषित किया गया था. संवेदनशील स्थानों पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई. वही सादे ड्रेस में भी सुरक्षा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. फिलहाल जुम्मे की नमाज शांति पूर्वक हो गई है.