विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को कहा कि हमने उन खबरों को देखा है जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत (India) के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कुछ एकतरफा फैसला किया है. इसमें हमारे राजनयिक संबंधों (Bilateral Relations) के स्तर में कटौती करना शामिल है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) से जुड़े ऐसे घटनाक्रम को पाकिस्तान में नकारात्मक नजरिए से देखा जाता है और इन भावनाओं को सीमा पार से जारी आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) को सही ठहराने के लिए किया जाता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अनुच्छेद 370 से जुड़ा हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से भारत का आतंरिक मामला है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत का संविधान हमेशा से सम्प्रभु मामला रहा है और आगे भी रहेगा. इस अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर क्षेत्र की चिंताजनक तस्वीर पेश करने की चाल कभी सफल नहीं होगी. यह भी पढ़ें- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- कश्मीर में आज हालात कंसंट्रेशन कैंप के समान हैं
Ministry of External Affairs: It is not surprising that such developmental initiatives that could address any disaffection in Jammu and Kashmir should be negatively perceived in Pakistan, which has utilized such sentiments to justify its cross-border terrorism. https://t.co/VRvMayP5N5
— ANI (@ANI) August 8, 2019
MEA: The recent developments pertaining to Article 370 are entirely the internal affair of India. The Constitution of India was, is and will always be a sovereign matter. Seeking to interfere in that jurisdiction by invoking an alarmist vision of the region will never succeed. https://t.co/VRvMayP5N5
— ANI (@ANI) August 8, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार कल पाकिस्तान द्वारा घोषित कदमों की निंदा करती है और उस देश से इसकी समीक्षा करने को कहती है ताकि सामान्य राजनयिक चैनल को बनाए रखा जा सके.