पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का आज जन्मदिन है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 87 बरस के हो गए हैं. मनमोहन सिंह के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, ''हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं. मैं उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं.' मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. पीएम मनमोहन सिंह पर यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे. हालांकि, मनमोहन सिंह खुद हमेशा बेदाग ही रहे. मौजूदा समय में मनमोहन सिंह राजस्थान से राज्यसभा के सांसद हैं.
मनमोहन सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के कैबिनेट में वित्त मंत्री थे. 90 के दशक में देश में हुए आर्थिक सुधारों का श्रेय उन्हें दिया जाता हैं. विचारक और विद्वान के रूप में प्रसिद्ध है. वह अपनी नम्रता,कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. मनमोहन का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (Panjab University) में हुआ था. मनमोहन सिंह ने साल 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मेट्रिक की शिक्षा पूरी की. उसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय ( University of Cambridge) से प्राप्त की. मनमोहन सिंह ने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री प्राप्त हुआ था.
Best wishes to our former Prime Minister Dr. Manmohan Singh Ji on his birthday. I pray for his long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2019
मनमोहन सिंह भारत सरकार में साल 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. जिसके बाद उन्हें 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई. मनमोहन सिंह ने साल 1976-1980 तक आरबीआई के डायरेक्टर रहे और बाद में गर्वनर भी बनें. इसके अलावा कई अहम पदों की जिम्मेदारी को संभाला. लेकिन 1991 से 1996 तक के बीच में भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया.
यह भी पढ़ें:- अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को दी ये 5 सलाह
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही राइट टु एजुकेशन यानी शिक्षा का अधिकार अस्तित्व में आया. इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया गया. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान पूरी दुनिया में भीषण मंदी आई थी मगर भारत में इसका ज्यादा असर नहीं हुआ था. ये उनकी सबसे बड़ी कामयाबी में से एक है.