Maharashtra: शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, 6,000 किमी सड़कों का होगा सीमेंट कंक्रीटीकरण, कैबिनेट ने ₹37,000 करोड़ के बजट को दी मंजूरी
Maharashtra Govt | PTI

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने आज हुई कैबिनेट बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. कैबिनेट ने 6,000 किलोमीटर सड़कों के सीमेंट कंक्रीटीकरण के लिए 37,000 रुपये करोड़ के संशोधित बजट को मंजूरी दी है. यह फैसला सड़कों की खराब स्थिति, खासकर गड्ढों से भरी मुंबई महानगर क्षेत्र, मुंबई-गोवा हाईवे, और ठाणे-नासिक हाईवे पर चल रही आलोचना के बीच लिया गया है. महाराष्ट्र में सड़कों की हालत पर लंबे समय से नाराजगी है, खासकर बरसात के मौसम में गड्ढों से भरी सड़कों के कारण जनता में आक्रोश दिख रहा है. Maharashtra: 'पत्नी को बहन के खिलाफ चुनाव लड़ाना मेरी गलती थी', बोले अजित पवार, सुप्रिया सुले ने दिया ये जवाब.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने खुद पिछले शुक्रवार को ठाणे जिले के भिवंडी का दौरा कर सड़कों के काम का निरीक्षण किया था. उन्होंने सड़कों की मरम्मत और उन्हें बेहतर बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है.

मुख्यमंत्री शिंदे ने सड़कों की स्थिति सुधारने पर दिया जोर

9 अगस्त को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे-नासिक और मुंबई-अहमदाबाद जैसे प्रमुख राजमार्गों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए तुरंत निर्देश जारी किए. उन्होंने नासिक-भिवंडी रोड की खराब हालत का हवाला देते हुए इन राजमार्गों पर उच्च गुणवत्ता वाली मरम्मत की आवश्यकता पर जोर दिया.

मुंबई में गड्ढों की समस्या को खत्म करने के लिए महायुति सरकार ने 2022 में सभी शहर की सड़कों को सीमेंट कंक्रीट में बदलने का वादा किया था, ताकि यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सके.

कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

कैबिनेट की इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मौजूदगी में कुछ अन्य बड़े निर्णय भी लिए गए. इनमें विदर्भ और मराठवाड़ा में डेयरी विकास के लिए ₹149 करोड़ की मंजूरी, डेक्कन कॉलेज, गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स और तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए मेडिकल प्रतिपूर्ति योजना की मंजूरी भी शामिल हैं. इसके अलावा निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए निश्चित वेतन का निर्णय भी लिया गया.

एक अन्य बड़े फैसले में नगर अध्यक्ष का कार्यकाल अब 2.5 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है. कैबिनेट ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए केएफडब्ल्यू विकास बैंक के साथ निश्चित ब्याज समझौता और पावर लूम्स के लिए पंजीकरण में छूट को मार्च 2025 तक बढ़ाने के साथ-साथ अतिरिक्त बिजली दर मुआवजे के निर्णय भी लिए हैं.