
मुंबई, महाराष्ट्र: 2 जुलाई से महाराष्ट्र की स्कूल बस के मालिकों ने हड़ताल का ऐलान किया है. जिसके कारण आनेवाले दिनों में इसका सबसे ज्यादा खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ेगा.उनका कहना है कि स्कूल परिवहन से जुड़ी कई समस्याओं की ओर सरकार और परिवहन विभाग लगातार आंख मूंदे बैठे हैं, जिससे उनका धैर्य अब जवाब दे गया है.बस मालिकों की माने तो वह सेवाएं बंद नहीं करना चाहते, लेकिन सिस्टम में फैली अनियमितताओं और लगातार हो रहे अन्याय ने उन्हें मजबूर कर दिया है.
एसोसिएशन का कहना है कि यदि जल्द सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो राज्यभर में सभी स्कूल बसें बंद रहेंगी. ये भी पढ़े:Mumbai: मुंबई में बेस्ट बस हड़ताल से मचा हड़कंप, वडाला डिपो पर ड्राइवर-कंडक्टरों का प्रदर्शन, कई रूट प्रभावित
किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं बस मालिक?
बस मालिकों के मुताबिक़ ट्रैफिक पुलिस द्वारा बेवजह की कार्रवाई, इसके साथ ही सीसीटीवी, जीपीएस और वेबरेडर जैसी सुविधाओं को लेकर बिना सूचना के भारी-भरकम ई-चालान,वैध परमिट और कागजात मिलने में दिक्कतें,स्कूल प्रशासन और अधिकारियों की ओर से असहयोग इन समस्याओं से बस मालिकों को जूझना पड़ रहा है.
क्या हैं स्कूल बस ऑनर्स एसोसिएशन की प्रमुख मांगें?
स्कूल बस ऑनर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि गलत ई-चालानों को तुरंत रद्द किया जाए, जो शालेय बसों पर लागू नहीं होते, इसके साथ ही सभी मान्यता प्राप्त बस चालकों को सरकारी पहचान पत्र दिए जाएं,नियमों का पालन करने वाली बसों पर अनुचित दंड न लगाया जाए,संयुक्त टास्क फोर्स बनाई जाए जिसमें सरकार, स्कूल प्रशासन और एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हों.
क्या बोले एसोसिएशन प्रमुख?
अध्यक्ष अनिल गर्ग ने कहा है की'हम सेवा रोकना नहीं चाहते, लेकिन हमारी आवाज बार-बार अनसुनी की जा रही है. अगर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई तो 2 जुलाई से पूरे महाराष्ट्र में स्कूल बस सेवा बंद कर दी जाएगी.