Maharashtra: इस साल बारिश की वजह से 307 लोगों की हुई मौत
महाराष्ट्र में इस साल बारिश की वजह से 307 लोगों की हुई मौत (Photo: Twitter)

इस सीजन में राज्य में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 307 पहुंच गई है. विदर्भ में सबसे अधिक 182 मौतें दर्ज की गईं. पुणे और वर्धा में कल बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि जून से अब तक राज्य में बारिश के कारण करीब 6,000 जानवरों की मौत हो चुकी है. वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 2 टीमें मुंबई, रायगढ़ और सांगली में तैनात हैं. राज्य आपदा मोचन बल की एक टीम नांदेड़ और गढ़चिरौली में तैनात है. यह भी पढ़ें: Bengaluru Rains: बेंगलुरु में टूटा बारिश का 90 साल का रिकॉर्ड, सड़कें बनी सैलाब- अगले दो दिन भारी बारिश का अलर्ट

मुंबई के पश्चिमी उपनगरों में आज बारिश हुई. अंधेरी, बोरीवली, कांदिवली, मलाड और दादर इलाकों में भारी बारिश हुई. इससे विभिन्न स्थानों पर जाम की वजह से काम से घर लौट रहे मुंबईकरों को काफी परेशानी हुई. नासिक शहर समेत जिले में आज एक बार फिर भारी बारिश शुरू हो गई है. इससे गणेशोत्सव का उत्साह कम हो गया है.

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सोलापुर में कल की तुलना में आज अधिक बारिश हुई. दोपहर से उजानी बांध से 60,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से भीमा नदी का जलस्तर बढ़ गया. इसलिए प्रशासन ने नदी किनारे के सभी गांवों को अलर्ट कर दिया है. हिप्पर्गा झील क्षमता से ज्यादा पानी से भरी हुई है. इसलिए प्रशासन ने आसपास के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. मरडी यमई देवी कल्लोल तीर्थ में पानी यामाई के पैरों तक पहुंचा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बारिश करीब 25 साल बाद हुई है. पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण फसल जलमग्न हो गई है.

बताया गया है कि बुलढाणा जिले के देउलगांवराजा तालुका के निमखेड़, गिरोली में पजार झील तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण दोपहर में फट गई है. इससे झील के निचले हिस्से में सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि बह गई. सोयाबीन की फसल खेत में बह जाने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.

वाशिम जिले के कुछ हिस्सों में संतोषजनक वर्षा होने के बावजूद, मालेगांव तालुका में अमनवाड़ी, कुट्टर्डोह, धरमवाड़ी, पिंपलसेंडा, मालेगांव, धामनी, मुसलवाड़ी क्षेत्रों में खड़ी फसलें पिछले बीस दिनों से बारिश की कमी के कारण सूख गई हैं. शुरुआत में तेज बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई. अब बारिश नहीं होने से खेत में खड़ी सोयाबीन की फसल पीली हो गई है. इससे क्षेत्र के किसान परेशान हैं.