नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के बीच सोमावर को महंगाई का एक और झटका लगा है. कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर (Commercial LPG Cylinder) की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है. आज से कमर्शियल एलपीजी गैस के दाम में 266 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद दिल्ली में 19 किलो के कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2000.50 रुपये हो गई, जो पहले 1734 रुपये थी. हालांकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कांग्रेस ने पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के दाम कम करने की मांग की
उधर, परिवहन के लिए उपयोग की जाने वाली गैस की कीमतें भी बढ़ने की उम्मीद है, जिससे सीएनजी और पीएनजी की बढ़ी हुई दरों का सामना करना पड़ेगा. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज द्वारा किए गए गैस बाजार के आकलन के अनुसार, गैस वायदा बाजार में कीमतें वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में यूएस 4.1 डॉलर/ एमएमबीटीयू से यूएस 7.35 डॉलर / एमएमबीटीयू और अन्य यूएस 3.6 डॉलर / एमएमबीटीयू (49 प्रतिशत) से यूएस 10.95 डॉलर / एमएमबीटीयू तक बढ़ने का अनुमान है.
LPG prices for commercial cylinders increased by Rs 266 from today onwards. Commercial cylinders of the 19 kg in Delhi will cost Rs 2000.50 from today onwards which was costing Rs 1734 earlier. No increase in domestic LPG cylinders.
— ANI (@ANI) November 1, 2021
इसका मतलब यह होगा कि सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति करने वाली तीन प्रमुख कंपनियों - ग्रीन गैस (जीजीएल), महानगर गैस (एमजीएल) और इंद्रप्रस्थ गैस (आईजीएल) को अप्रैल-अक्टूबर, 2022 में सीएनजी की कीमतों में 50-56 फीसदी की बढ़ोतरी करनी होगी. अपने मार्जिन को ऊंचे स्तर पर बनाए रखने के लिए एपीएम गैस की कीमतों में वृद्धि पर ध्यान दे रहा है.
वित्त वर्ष 17-22 में एपीएम गैस की कीमत 2.3-3.8 यूएस डॉलर/ एमएमबीटीयू थी और वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में 2 यूएस डॉलर / एमएमबीटीयू से नीचे थी. यह वित्त वर्ष 22 की छमाही में 1.22 यूएस डॉलर / एमएमबीटीयू (62 प्रतिशत) बढ़कर 3.22यूएस डॉलर / एमएमबीटीयू हो गया.
दिलचस्प बात यह है कि सीएनजी और पीएनजी बाजारों में गैस आपूर्तिकतार्ओं ने अपर्याप्तता के दौरान पाइप्ड प्राकृतिक गैस और संपीड़ित प्राकृतिक गैस की कीमतों में संशोधन न करने के कारण महामारी की अवधि में उच्च मार्जिन बनाया है, जब मांग लॉकडाउन के कारण वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतें गिर गई थीं. वास्तव में, सीजीडी मार्जिन वित्त वर्ष 2014 से 44-130 प्रतिशत और दिसंबर, 2019 से 21-84 प्रतिशत ऊपर है क्योंकि गैस की लागत में गिरावट को पारित नहीं किया गया है.
ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि सीजीडी दिसंबर 2019 के बाद से पूरी तरह से गिरावट से नहीं गुजरे हैं और अवसरों पर, मार्जिन को बढ़ावा देने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की गई है.