भारतीय जनता पार्टी( BJP) के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) के परिवार ने पेंशन लेने से मना कर दिया है. उन्होंने राज्यसभा (Rajya Sabha) सभापति एम वेंकैया नायडू ( M Venkaiah Naidu) को पत्र लिखकर मिलने वाली सरकारी पेंशन ( Pension ) को उन कर्मचारियों को उनको दान कर दी जाए जिनकी तनख्वाह कम है. अरुण जेटली के परिवार को पेंशन के रूप में सालान करीब 3 लाख रुपये मिलते. अरुण जेटली ने 66 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त के दिन निधन हो गया था. लंबी बिमारी के बाद अरुण जेटली को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज को 9 अगस्त को भर्ती कराया गया था.
बता दें कि अरुण जेटली का जब निधन हुआ था उस वक्त बहरीन दौरे पर थे. जहां प्रधानमंत्री बहरीन नेशनल स्टेडियम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे. अपने भाषण में बीजेपी नेता अरुण जेटली को याद करते हुए उन्होंने कहा "मैं सोच भी नहीं सकता कि जब मैं इतनी दूर हूं तो मेरा एक करीबी मित्र दुनिया से चला गया है. उन्होंने कहा, “मैं अपने भीतर गहरा दर्द दबाएं बैठा हुए हूं. कुछ दिनों पहले मैंने अपनी बहन सुषमा जी को खो दिया और आज मेरा दोस्त अरुण चला गया.
अरुण जेटली ने अपने बच्चों और ड्राइवर-रसोइया के बच्चों को भी एक ही स्कूल में पढ़ाया
अरुण जेटली के घर पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चे चाणक्यपुरी स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल स्कूल में पढ़ा करते थे. इसी स्कूल में खुद जेटली के बच्चों ने पढ़ाई की थी. इतना ही नहीं अगर कर्मचारी का बच्चा विदेश यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इच्छा करता तो उसे विदेश में भी पढ़ने भेजा जाता था. जेटली परिवार के खान-पान की पूरी व्यवस्था देखने वाले जोगेंद्र की दो बेटियों में से एक लंदन में पढ़ रही हैं.
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गौरतलब हो कि आपको बात दें कि मई 2018 में जेटली (Arun Jaitley) का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. उससे पहले साल 2016 में उनकी बेरिएट्रिक सर्जरी हुई थी. जिसके बाद से ही उनकी तबियत बिगडती गई. इस बीच वे बीच - बीच में अपना इलाज करवाते रहें लेकिन उनके स्वास्थ में सुधार नहीं. यही वजह है कि नौ अगस्त को उनकी तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था.