नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश होंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है. न्यायमूर्ति गोगोई को राष्ट्रपति कोविंद 3 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ दिलाएंगे. उनका कार्यकाल एक साल से थोड़ा अधिक होगा. यह भी पढ़े- सुप्रीम कोर्ट से अगले 19 दिनों में आंएगे बड़े अहम फैसले
कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई-
जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम में हुआ. उन्होंने 1978 में वकालत शुरू की और 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बनाए गए. 12 फरवरी 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. इसके बाद 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोन्नति प्रदान कर देश के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया.
CJI दीपक मिश्रा ने बनाया था अपना उत्तराधिकारी-
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने वरिष्ठता के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की थी. परंपरा के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश अपनी सेवानिवृत्ति से 30 दिन पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं ताकि अगले प्रधान न्यायाधीश के नाम की घोषणा समय पर हो पाए.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत हो रहे हैं, लेकिन उस दिन महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश है. इसलिए उनका अंतिम कार्य दिवस एक अक्टूबर ही होगा. केंद्रीय कानून मंत्री ने अगस्त महीनें में पत्र लिखकर प्रधान न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का आग्रह किया था.