नई दिल्ली:- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में रविवार 5 जनवरी की देर रात हुई हिंसा मामले में पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) की अध्यक्ष आईशी घोष (Aishee Ghosh) समेत दिल्ली पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं इस घटना के बाद से पुलिस जांच में जुटी है. लेकिन इस मामले से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक जेएनयू में हिंसा से पहले ही आईशी घोष ने वसंत कुंज के पुलिस अधिकारी संजीव मंडल और स्पेशल सीपी आनंद मोहन को जानकारी देते हुए एक व्हाट्सएप मैसेज किया था. जिसमें आईशी घोष ने लिखा था कि कुछ स्टूडेंट्स जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कैंपस में घुसे हैं. उनके पास हथियार है. आप जल्दी से यहां आएं और उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें कैंपस से बाहर करें. आईशी घोष ने पुलिस अधिकारीयों को यह मैसेज दोपहर के 3 बजे किया था.
बता दें कि जेएनयू परिसर में रविवार रात को उस वक्त हिंसा भड़क गयी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इस दौरान कैंपस में जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी. हिंसा में घायल हुई छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने पुलिस में शिकायत की थी कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी. इस हमले में करीब 35 छात्र और प्राध्यापक घायल हुए थे. इस हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस जेएनयू में पहुंची थी. यह भी पढ़ें:- JNU हिंसा: दिल्ली पुलिस को जेएनयू की तरफ से मिलीं 11 शिकायतें, क्राइम ब्रांच करेगी जांच.
यहां देखें ट्वीट
Vasant Kunj SHO Rituraj, Sanjeev Mandal & Spl CP Anand Mohan were informed by @aishe_ghosh at 3 on Jan 5 that masked goons entered #JNU with weapons & requested for additional force but @DelhiPolice sat on it till 7. They could have saved students. Any explanation, Delhi Police? https://t.co/4YaJC5c96W pic.twitter.com/xsnyeGQg1r
— Tanushree Pandey (@TanushreePande) January 8, 2020
गौरतलब हो कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) हिंसा के बाद पूरे देश में लोगों ने विरोध किया. वहीं अब मामला पूरी तरह से सियासी रंग ले चूका है और कांग्रेस ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर हमला करते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं दिल्ली पुलिस वीडियो फूटेज और फोन कॉल डेटा के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की मदद से उन हिंसक घटनाओं को अंजाम देने वालों की जांच की जा रही है, जिन्होंने पांच जनवरी को परिसर में मारपीट की थी.