जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने कहा है कि बॉर्डर (Border) पार के तत्व लगातार राज्य में समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षाबल (Security Forces) उनसे निपटने में सक्षम हैं. बहरहाल, कश्मीर में मंगलवार को 44वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा. दरअसल, जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित करने के केंद्र के पांच अगस्त के फैसले के बाद कश्मीर में अभी तक जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है.
अधिकारियों ने बताया कि बाजार और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे. समूची घाटी में सार्वजनिक परिवहन सड़कों से ज्यादातर नदारद रहा. उन्होंने कहा कि हालांकि बड़ी संख्या में निजी वाहन और कुछ निजी टैक्सी तथा ऑटोरिक्शा शहर के अनेक हिस्सों में चलते दिखे. कुछ रेहड़ी-पटरी वाले भी अपना कारोबार करते दिखे. माध्यमिक स्तर के स्कूलों को खोले जाने का राज्य प्रशासन का प्रयास सफल नहीं हो पाया है क्योंकि अभिभावक अपने बच्चों को घर पर ही रख रहे हैं. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने की याचिका, केंद्र को नोटिस भेज मांगा जवाब.
जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख #दिलबागसिंह ने कहा है कि सीमापार के तत्व लगातार राज्य में समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारे सुरक्षाबल उनसे निपटने में सक्षम हैं।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) September 18, 2019
अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कार्यालय खुले हैं लेकिन सार्वजनिक परिवहन की कमी के चलते अधिकतर कार्यालयों में उपस्थिति कम है. उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय के कार्यालयों में सामान्य उपस्थिति दर्ज की गई. समूची घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा को बहाल कर दिया गया है. हालांकि, कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल टेलीफोन सेवा और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही बंद हैं.
भाषा इनपुट