Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ एस सोमनाथ (S Somanath) ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों अच्छी तरह से काम कर रहे हैं और आगे भी हलचल जारी रहेगी. हालाँकि, उन्होंने चंद्रमा मिशन के लिए आगे आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया. इसरो प्रमुख ने बताया, “लैंडर और रोवर दोनों पूरी तरह से ठीक हैं और सब कुछ बहुत अच्छे से काम कर रहा है. आगे भी मूवमेंट जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि चैलेंज अभी खत्म नहीं हुए हैं, चंद्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण वस्तुएं कहीं से भी टकरा सकती हैं. इसके साथ ही, थर्मल समस्या और संचार ब्लैकआउट भी एक समस्या है." Chandrayaan-3: भारत ने दुनिया को बताया कैसा है चांद का दक्षिणी हिस्सा, लैंडिंग के बाद 'विक्रम' ने भेजी ये तस्वीरें.
इसरो चीफ ने बताया कि “अगर कोई क्षुद्रग्रह या अन्य वस्तु जबरदस्त वेग से टकराती है, तो लैंडर और रोवर दोनों नष्ट हो सकते हैं. आप चंद्रमा की सतह देख सकते हैं. इसकी सतह पर अंतरिक्ष पिंडों की मार से बने निशानों से भरी पड़ी है. पृथ्वी पर भी हर घंटे लाखों अंतरिक्ष पिंड आते हैं, लेकिन हमें ऐसा महसूस नहीं होता क्योंकि हमारा वायुमंडल उन सभी को नष्ट कर देता है."
चांद की सतह पर चक्कर लगा रहा है रोवर
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है, 'प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण हैं, दोनों चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं. इसके अलावा, यह सतह पर चक्कर लगाएगा. हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे जो हमारे लिए भविष्य के अन्वेषणों के लिए महत्वपूर्ण है.'
भारत के चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक उत्साहित हैं. दुनिया को भारत के इस मून मिशन से काफी उम्मीदें हैं. भारत ने अपने विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतारा है और अब लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकलकर चंद्रमा पर अपना काम शुरू कर दिया है. अब अगले 14 दिनों तक प्रज्ञान के जरिए चंद्रमा की नई जानकारियां सामने आएंगी.