इजरायल के चुनाव में भी पीएम मोदी का छाया जादू, मोदी का पोस्टर लगाकर वोट मांग रहे हैं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू का पोस्टर ( फोटो क्रेडिट- Twitter )

पीएम मोदी (PM Modi) का जादू भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बरकरार है. पीएम मोदी के जादू का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के चुनावी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें नजर आ रही हैं. पीएम मोदी और नेतन्याहू के इस तरह की होर्डिंग लोगों को काफी उत्सुक कर रही हैं. अमिचाई स्तीन नामक एक इजरायली पत्रकार ने इस तस्वीर को रविवार को शेयर किया था. जिसमें एक बिल्ड़िग पर लगे दोनों नेताओं के साथ खड़े हैं. पीएम मोदी के अलावा पोस्टर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी दिखे.

मध्यावधि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू की लिकुड पार्टी ने मतदाताओं को रिझाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी तस्वीर वाले बैनर लगाए हैं. तेल अवीव में लिकुड पार्टी का मुख्यालय चुनाव प्रचार के बैनरों से अटा पड़ा है, जिसमें नेतनयाहू की विश्व के तीन नेताओं के साथ नजदीकियों को दिखाया गया है. नेतनयाहू का प्रचार विश्व के नेताओं के साथ उनके करीबी तालमेल को प्रदर्शित करने की कोशिश है.

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प्रचार अभियान में यह कोशिश की जा रही है नेतनयाहू को इज़राइल की राजनीति में एक ऐसे नेता के तौर पर पेश किया जाए, जिसका कोई जोड़ा न हो. इज़राइली प्रधानमंत्री नौ सितंबर को एक दिन की यात्रा पर भारत जाएंगे, जहां वह मोदी से मुलाकात करेंगे. उनकी यह यात्रा मध्यावधि चुनाव से ठीक आठ दिन पहले होगी.

इजरायल में 17 सितंबर को दोबारा आम चुनाव होना है. इजरायली ( Israel) इतिहास में बेंजामिन नेतन्याहू के नाम पर सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. लेकिन मई में हुए आए आम चुनावों के नतीजों में नेतन्याहू को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था. बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन वे गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहे. जिसके बाद इजराइली सांसदों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए संसद को भंग करने के पक्ष में मतदान किया था.

गौरतलब हो कि भारत और इजरायल के बीच हाल के वर्षों में आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक संबंधों में मजबूती आई है. बेंजामिन नेतन्याहू वर्तमान में भ्रष्टाचार को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग भी की जा रही है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया था. वह 1996 में पहली बार चुनाव जीत कर 46 वर्ष की उम्र में इजराल के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे. नेतन्याहू 1948 के बाद अस्तित्व में आए देश के बाद पैदा होने वाले पहले ऐसे नेता बने जो प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे हैं. ( भाषा इनपुट )