नागरिकता संशोधन बिल पास होने के विरोध में IPS अधिकारी अब्दुर रहमान ने दिया अपने पद से इस्तीफा,  विधेयक को बताया भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ
आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान (Photo Credit: Twitter)

मुंबई: लोकसभा (Lok Sabha) के बाद अब राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) पास हो चुका है. बुधवार को लंबी बहस और वाद-विवाद के बाद इस बिल के लिए वोटिंग (Voting) कराई गई. राज्यसभा में इस बिल के लिए कुल 230 वोट पड़े, जिसमें से पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े. नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पास होने पर मुंबई के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान (IPS officer Abdur Rahman) ने विरोध जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस बिल की निंदा करते हुए ऐलान किया है कि वो कल से कार्यलय में उपस्थित नहीं होंगे और सेवा छोड़ देंगे. उन्होंने इस बिल को भारत के धार्मिक बहुलवाद (Religious Pluralism) के खिलाफ बताया है.

उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल 2019 के विरोध में अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए ट्विटर पर लिखा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संविधान की मूल विशेषता के विरुद्ध है. मैं इस विधेयक की निंदा करता हूं. मैंने कल से कार्यालय में उपस्थित न रहने का फैसला किया है. आखिरकार मैं यह सेवा छोड़ रहा हूं.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

इसके अलावा रहमान ने लोकतांत्रिक तरीके से बिल का विरोध करने के अपने दोस्तों और बिरादरी से अपील भी की है. उन्होंन लिखा कि यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है. मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से इस बिल का विरोध करें. यह संविधान की बुनियादी विशेषता के खिलाफ है. यह भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से पास, पक्ष में पड़े 125 वोट, विपक्ष में 105

भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है बिल 

हालांकि इससे पहले भी रहमान ने नागरिकता संशोधन बिल को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया था. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया था. रहमान ने लिखा था कि विधेयक के पारित होने के दौरान गृहमंत्री द्वारा गलत तथ्य, भ्रामक जानकारी, गलत तर्क निर्मित किए गए थे. उन्होंने साथ ही लिखा कि बिल के पीछे की मंशा मुसलमानों में डर पैदा करना और राष्ट्र को विभाजित करना है. हम इस बिल की निंदा करते हैं.

अब्दुर रहमान ने नागरिकता संशोधन बिल की संवैधानिकता को लेकर सवाल उठाए और यह कहा कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. यह विधेयक संविधान की मूल विशेषता के खिलाफ है. उन्होंने दावा किया था कि नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करता है.