मुंबई: वित्त वर्ष 2019-20 (Financial Year 2019-20) के लिए आईटी रिटर्न (IT Return) भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 है. अगर अब तक आप आईटीआर फाइल (ITR File) नहीं किया है तो जल्दी से जल्दी कर दें. आम तौर पर, आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून होती है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण आईटीआर (ITR) की डेडलाइन को बढ़ाया गया है. फर्जी इनवॉयस से लगभग 15 करोड़ रूपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने के मामले में व्यवसायी गिरफ्तार
यदि आपने अब तक आईटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करें. क्योंकि कभी-कभी आयकर विभाग (IT Department) के पोर्टल पर तकनीकी या दस्तावेज से संबंधित जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं जो आपके काम में रूकावट ला सकती है.
आईटी रिटर्न दाखिल करने से पहले इन बातों को रखें याद (dos and don'ts you need to remember before filing ITR)-
- सही इनकम टैक्स फॉर्म का चयन करें (Select the right Income Tax Form):
सही आयकर फॉर्म का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है. गलत आईटीआर फॉर्म भरने पर अमान्य रिटर्न माना जाता है.
- सही आकलन वर्ष चुनें (Choose the Right Assessment Year):
याद रखें कि आप वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे है तो आकलन वर्ष 2020-21 होगा. गलत जानकारी देने पर आपको टैक्स रिफंड (Tax Returns) प्राप्त करने में देरी हो सकती है.
- पिछले वित्तीय वर्ष के इनकम का का खुलासा अवश्य करें (Disclose Income That You Earned in the Past Financial Year):
भले ही आप अनजाने में पिछले वित्तीय वर्ष के आय का खुलासा करना भूल जाते हैं, लेकिन यह गलत है. आपकी इस गलती के लिए आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है.
- टैक्स रिटर्न भरने के बाद सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करें (Complete the Verification Process After Filing ITR):
आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद भी प्रक्रिया को सत्यापित करना अनिवार्य है. जब तक आप इसे दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर रिटर्न को सत्यापित नहीं करते, तब तक इसे पूर्ण नहीं माना जाएगा. ऐसे दो तरीके हैं जिनसे आप आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म में संशोधन किया है. कोविड-19 महामारी के कारण केंद्र सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 तहत कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावाधानों में छूट) अध्यादेश, 2020 के जरिए विभिन्न समयसीमाओं को आगे बढ़ाया है.