नई दिल्ली, 11 जनवरी 2021. आज के इस दौर में भविष्य की चिंता न रहे इसलिए लोग तरह-तरह के इन्वेस्टमेंट करते हैं. इसके साथ ही बेटियों के पिता एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी (LIC Kanyadan Policy) और पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) के माध्यम से निवेश करते हैं. जिससे भविष्य में पढाई से लेकर शादी तक में किसी भी तरह की परेशानी न हो. हालांकि लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है कि सुकन्या समृद्धि योजना और एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी में कौन सी बेहतर है.
बता दें कि अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना और एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में से किसी एक भी निवेश करते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन अगर दोनों में करते हैं तो बहुत अच्छी बात है. वैसे यह दोनों योजना बेहतर है इसलिए इनकी तुलना नहीं की जा सकती है. क्योंकि दोनों के अलग ही लाभ हैं. दोनों ही योजना में फिक्स्ड इनकम के लिए पैसों की सुरक्षा की गारंटी दी जाती है. यह भी पढ़ें-Sukanya Samriddhi Yojana: पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना से आपकी लाडली का भविष्य होगा सिक्योर, जानें स्किम से जुड़ी सभी बातें
वहीं दोनों में किसी का चयन अगर आपको करना है तो उसके बारें में सारी चीजें एक बार पढ़ लें. सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के जन्म के बाद उसके नाम से आप पोस्ट ऑफिस में यह अकाउंट खोल सकते हैं. जबकि एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी में बेटी की उम्र कम से कम एक साल जरूर होनी चाहिए. साथ ही बेटी के पिता की उम्र 18 से 50 वर्ष होना चाहिए. अकाउंट पिता के नाम से ओपन होता है.
उल्लेखनीय है कि पोस्ट ऑफिस की सुकन्या समृद्धि योजना में सिर्फ भारतीय नागरिक ही यह अकाउंट खुलवा सकता है. इसमें एनआरआई को खाता खुलवाने की इजाजत नहीं है, जबकि एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी में इस चीज की इजाजत है. सुकन्या में जहां आप एक साल में सिर्फ 1.5 लाख रुपये ही इन्वेस्ट कर सकते हैं. लेकिन कन्यादान पॉलिसी में इसकी कोई लिमिट नहीं है. सुकन्या का खाता खुलवाने के 21 साल पूरा होने पर अकाउंट मैच्योर होता है. कन्यादान पॉलिसी में 13 से 25 साल में मैच्योर होने की सुविधा एलआईसी की तरफ से दी गई है. यह भी पढ़ें-Investment Tips: जानिए इन्वेस्टमेंट के लिए Mutual Fund बेहतर ऑप्शन है या Share Market
सुकन्या समृद्धि योजना में लोन की कोई सुविधा नहीं दी गई है. जबकि एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी में लोन लिया जा सकता है. सिर्फ प्रीमियम का भुगतान तीन साल तक हुआ रहना चाहिए. सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी यानि अकाउंट होल्डर की मृत्यु होती है तो सामान्य इंटरेस्ट रेट पर माता-पिता को जमा किये गए पैसे का भुगतान किया जाता है, जबकि एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी में अगर पिता की मौत होती है तो प्रीमियम माफ कर दिया जाता है.