India Beat China Handsomely: पिछले कुछ वर्षों में भारत के खिलौना उद्योग ने जबरदस्त तरक़्क़ी की है. एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 2022-23 में खिलौनों के आयात में 52% की कमी आई है, जबकि निर्यात में 239% की शानदार वृद्धि हुई है. घरेलू बाजार में उपलब्ध खिलौनों की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार देखा जा रहा है.
यह खुशखबरी मेड इन इंडिया खिलौने-सफलता की कहानी' नामक केस स्टडी में सामने आई है, जिसे भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) लखनऊ ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुरोध पर किया है. RBI Imposes Penalties On 5 Banks: रिजर्व बैंक ने गुजरात के 5 सहकारी बैंकों पर 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक लगाया जुर्माना, इन नियमों का किया था उल्लंघन
अध्ययन के मुताबिक, 2014 से 2020 तक सिर्फ 6 सालों में भारत सरकार के समर्पित प्रयासों के चलते खिलौना निर्माणी इकाइयों की संख्या दोगुनी हो गई है. आयातित कच्चे माल पर निर्भरता 33% से घटकर 12% हो गई है, और खिलौनों की बिक्री की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 10% तक पहुंच गई है. कुल मिलाकर, श्रम उत्पादकता में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
रिपोर्ट बताती है कि सरकार के प्रयासों से खिलौना उद्योग के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है, जिसने निर्यात को भी बढ़ावा दिया है. भारत वैश्विक खिलौना मूल्य श्रृंखला में एकीकृत होता जा रहा है, और यूएई और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारत-निर्मित खिलौनों को शुल्क-मुक्त बाजार तक पहुंच प्राप्त है.
रिपोर्ट यह भी रेखांकित करती है कि भारत को चीन और वियतनाम जैसे मौजूदा खिलौना केंद्रों के एक टिकाऊ विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए खिलौना उद्योग और सरकार के एकीकृत प्रयास ज़रूरी हैं. प्रौद्योगिकी में उन्नति, ई-कॉमर्स को अपनाना, साझेदारी और निर्यात को प्रोत्साहित करना, ब्रांड निर्माण में निवेश करना, शिक्षकों और माता-पिता के साथ शिक्षाविदों का जुड़ाव, सांस्कृतिक विविधता को महत्व देना और क्षेत्रीय कलाकारों के साथ सहयोग आदि इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे.
रिपोर्ट यह भी रेखांकित करती है कि इन मुद्दों को दूर करने और भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कार्य योजना की आवश्यकता है. सरकार ने खिलौनों के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPT) तैयार की है, जिसमें 21 विशिष्ट कार्य बिंदु शामिल हैं और जिसे DPIIT के समन्वय में 14 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा लागू किया जा रहा है.