Best Saving Schemes: जानें कहा निवेश करने पर आपका पैसा होगा डबल, सेफ्टी के साथ भारी रिटर्न की भी मिलेगी गारंटी
रुपया (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Post Office Saving Schemes: कोविड-19 (COVID-19) महामारी की दूसरी लहर भी आम जनता को आर्थिक मोर्चे पर कमजोर बना रही है. जिस वजह से एक बार फिर सेविंग की अहमियत बहुत बढ़ गई है. कोरोना वायरस महामारी के दौर में पोस्ट ऑफिस (Post Office) से जुड़ी बचत योजनाओं में निवेश करके आम आदमी बिना किसी जोखिम के मुनाफा कमा सकता है. इसी क्रम में हम आपको पोस्ट ऑफिस से जुड़ी कुछ विशेष बचत योजनाओं के बारें में जानकारी देने जा रहे है. Immune India Deposit Scheme: कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को सेंट्रल बैंक देगी 0.25% ज्यादा ब्याज

इंडिया पोस्ट (India Post) निवेशकों के लिए कई जमा विकल्प प्रदान करता है, जिन्हें आमतौर पर डाकघर बचत योजनाओं के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में 9 डाकघर बचत योजनाएं चल रही है. इन नौ छोटी बचत योजनाओं में सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), 5 साल के लिए पोस्ट ऑफिस टर्म डिपोजिट और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) शामिल हैं. सरकार इन छोटी बचत योजनाओं पर लागू ब्याज दरों को समय-समय पर संशोधित करती रहती है.

विभिन्न राष्ट्रीय (लघु) बचत योजनाओं पर लागू ब्याज दरें निम्नानुसार हैं-

संख्या योजना नई ब्याज दर चक्रवृद्धिता बारंबरता
01. डाकघर बचत खाता (बचत बैंक) 4.0 वार्षिक
02. 1 वर्षीय टीडी खाता 5.5 तिमाही
03. 2 वर्षीय टीडी खाता 5.5 तिमाही
04. 3 वर्षीय टीडी खाता 5.5 तिमाही
05. 5 वर्षीय टीडी खाता 6.7 तिमाही
06. 5-वर्षीय आवर्ती जमा खाता (आरडी) 5.8 रु. 100/- का परिपक्वता मूल्य तिमाही
07. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 7.4 त्रैमासिक और भुगतान किया
08. मासिक आय योजना खाता 6.6 मासिक और भुगतान किया
09. 5 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र ( VIII संस्करण)) 6.8 वार्षिक
10. पीपीएफ 7.1 वार्षिक
11. किसान विकास पत्र 6.9 (124 महीने में परिपक्व होगी) वार्षिक
12. सुकन्या समृद्धि खाता 7.6 वार्षिक

उल्लेखनीय है कि डाकघर बचत योजनाओं में पैसे निवेश करने पर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होता है. क्योकि पोस्ट ऑफिस के जमा पैसे यदि किसी वजह से पोस्टल डिपार्टमेंट नहीं लौटा पाया तो इसका पूरा भुगतान सरकार को करना पड़ेगा. इसका मतलब निवेश की हुई रकम मिलने की पूरी गारंटी होती है. दरअसल इस स्कीम में जमा हुए पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कामों के लिए करती है, इसलिए इन पैसों के डूबने की सूरत में सारी जिम्मेदारी भी सरकार की बनती है.